HI/670405-6 - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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हर स्त्री का कर्त्तव्य है | {{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/670331 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670331|HI/670415 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|670415}} | ||
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"तो एक कृष्ण और एक गोपी, वे नृत्य कर रहे हैं। वह दृश्य होना, दृश्य होना चाहिए। उस दृश्य के बाद रास नृत्य रोक देना चाहिए, और कृष्ण गोपियों से बात करेंगे..कृष्ण गोपियों से कहेंगे कि.. " मेरी प्रिय सखियों, तुम इस घोर रात्रि में मेरे पास आयी हो.. यह उचित नहीं है, क्योंकि हर स्त्री का कर्त्तव्य है अपने पति तो प्रसन्न करना। तो तुम्हारे पति क्या सोचेंगे की तुम घोर रात्रि में (यहाँ) आयी हो? स्त्री का धर्म है कि अपने पति का परित्याग न करें, भले ही वह अच्छे चरित्र का न हो या वह दुर्भाग्यशाली हो, अगर वह बूढा या वह रोगी हो। फिर भी पति, पत्नी के द्वारा पूजित होता है।" |
670405-6 चैतन्य महाप्रभु पर नाटक के बारे में बातचीत - सैन फ्रांसिस्को |