HI/661125 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 10:47, 6 August 2020 by Amala Sita (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कृष्ण-द्वैपायन व्यास को, भगवान कृष्ण का एक बलशाली अवतार माना जाता है। अगर वे यह अवतार नहीं होते तो इतनी पुस्तकें लिखना संभव नहीं था। अठारह पुराण, चार वेद, १०८ उपनिषद, वेदान्त, फिर महाभारत और श्रीमद् भागवतम्। प्रत्येक में हज़ारों, लाखों की संख्या में श्लोक हैं। आप देख सकते हैं, यह हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि, कोई व्यक्ति इस प्रकार लिख सकता है। अत: वेद-व्यास को ही, कृष्ण का अवतार माना जाता है और वे लेखन में बहुत सक्षम थे।"
661125 - Lecture चै.च. मध्य २०.१२१-१२४ - न्यूयार्क