HI/681223d प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह कृष्ण भावना आंदोलन जीवन (जीने) की एक उत्तम कला है, अत्यंत आसान और उत्कृष्ट। यह कृष्ण भावना आंदोलन जो कुछ तुम चाहते हो तुम्हें प्रदान करता है, बिना किसी कृत्रिम प्रयत्न के। यह अतीन्द्रिय रंग भरा और अतीन्द्रिय आनंद से पूर्ण है। हम इन कृष्ण भावनापूर्ण गतिविधियों को गुणगान, नृत्य, भोजन और अधिकृत परंपरा से प्राप्त तत्त्व कथन के माध्यम से कार्यान्वित करते हैं, और इसलिए यह हमें जो भी हम चाहते हैं प्रदान करता है, हमारी सहज प्रवृत्तियों में बिना किसी परिवर्तन के। यह चेतना तुम्हारे अंदर है, किन्तु अभी यह मलिन चेतना है , और जो तुम्हें करना होगा अब (वह) है इसको समस्त गन्दी चीज़ों से मांजना और इसको स्वच्छ कृष्णमय चेतना बनाना रुचिकर रीति में भगवान के गौरवपूर्ण पवित्र नाम का गुणगान करके: हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।"
Lecture Recorded to Members of ISKCON London - - लॉस एंजेलेस