HI/681227 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 02:12, 29 March 2020 by Vanibot (talk | contribs) (Vanibot #0025: NectarDropsConnector - update old navigation bars (prev/next) to reflect new neighboring items)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
तो इस युग में सभी देवताओं को अलग-अलग संतुष्ट करना बहुत कठिन है। लोग बहुत परेशान होते हैं। सबसे अच्छी बात है सीधे परम भगवान को संतुष्ट करना। और वह सरल विधि क्या है? केवल हरे कृष्ण का जप करें। क्योंकि इस युग में हम बहुत गिरे हुए हैं, भगवान की महिमा का उच्चारण करना सभी प्रकार की तपस्याओं के समान होगा। इसका उल्लेख श्रीमद्-भागवतम् में किया गया है। यज्ञैः संकीर्तन परायेर् यजन्ति हि सुमेधसाः। (SB 11.5.32
681227 - प्रवचन BG 03.11-19 - लॉस एंजेलेस