HI/710801 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 06:14, 21 January 2022 by Vanibot (talk | contribs) (Vanibot #0025: NectarDropsConnector - add new navigation bars (prev/next))
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
तो हमें अगले जन्म की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें इस जीवन में कृष्ण भावनामृत के मिशन को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए ताकि, जैसा कि कृष्ण ने आश्वासन दिया है, त्यक्त्वा देहं पुनर जन्म नैति (भ. गी. ४.९): 'इस शरीर को छोड़ने के बाद, वह फिर से इस भौतिक जगत में नहीं आता है।' माम एति: 'वह मेरे धाम आता है।'"
710801 - प्रवचन श्री. भा. ०६.०१.१५ - न्यूयार्क