HI/681219e प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो यह संयोग है। तुमको मानव रूप प्राप्त हो गया है। अब तुमको हमारा संग मिल गया है। तुम्हें भगवद्गीता से सारी जानकारी मिल गयी है। तो यह अवसर सामने है। अब यदि तुम इसका उपयोग नहीं करते, तब तुम अपना आत्मघात कर सकते हो। कोई तुम्हें रोक नहीं सकता। दूसरी तरफ, तुम (इन) सभी सुविधाओं का उपयोग कर सकते हो और सीधे कृष्ण तक जा सकते हो। तो यही विधि है। दीक्षा का अर्थ है सुधार का आरम्भ। व्यक्ति को इसका उचित उपयोग करना होगा, तब कोई संदेह नहीं है। भगवद्गीता में (यह) आश्वासित किया गया है। कृष्ण आश्वासित करते हैं (कि) यदि तुम कृष्ण में विश्वास करते हो, यदि तुम उनके भग्वतव्यक्तित्व पर विश्वास करते हो, तब कोई शंका नहीं हो सकती। हम सभी कृष्णभावना कार्यान्वित करें और (उसकी) विधि और नियमों का पालन करें,और तब निस्संदेह (हमारा) जीवन सार्थक होगा।"
681219 - प्रवचन Initiation - लॉस एंजेलेस