HI/690219 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"बस हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कलौ, जप करते हुए इस कलि के युग में, कलौ नास्ति इवा, नास्ति इवा, नास्ति इवा: कोई अन्य विकल्प नहीं है, कोई अन्य विकल्प नहीं है। यदि आप इस प्रणाली को अपनाते हैं, तो यह भक्ति- योग प्रणाली, बहुत सरल है, बस जप, आपको तुरंत परिणाम मिल जाएगा। प्रत्यक्ष अवगमम धर्म्यं (भ. गी. ९.२) अन्य किसी योग पद्धति अगर आप अपनाते है तो आप यह जान नहीं जान पाएंगे कि आप कितनी प्रगति कर रहे हैं। लेकिन यह हरे कृष्ण प्रणाली आपको समझ में आ जाएगी, 'हां, मैं इस तरह की और ऐसी प्रगति कर रहा हूं।"
690219 - प्रवचन भ. गी. ६.३०-३४ - लॉस एंजेलेस