HI/700513 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हम इच्छाहीन नहीं हो सकते। हम चुप नहीं रह सकते। परंतु हमारी इच्छाओं, हमारी गतिविधियों, को शुद्ध करना होगा। यह ही वास्तविक ज्ञान है। यह ही वास्तविक ज्ञान है। हम केवल कृष्ण की सेवा करना चाहेंगे। यह ही इच्छाओं की शुद्धि है।"
700513 - प्रवचन इशो ०९ - लॉस एंजेलेस