HI/760206 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"मक्खियों की तरह वे पता लगा रहे हैं कि पीड़ा कहां है, और मधुमक्खियों से वे यह पता लगा रहे हैं कि शहद कहां है, इसलिए दो जानवरों को दो व्यवसाय मिल गए हैं, गलती खोजना और अच्छी चीजों को इकट्ठा करना, ये दो हैं.. बस जीव की तरह, वे दो वर्ग हैं, इसी तरह कई बदमाश हैं, जो केवल गलती खोज रहे हैं."
760206 - सुबह की सैर - मायापुर