HI/760823 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद हैदराबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"मान लीजिए कि आपका बैंक राशि बहुत सुद्र्ड है, अच्छा घर और सब कुछ है, बेहतर समाज, दोस्ती, रिश्तेदार... लेकिन किसी भी समय मौत आ जाएगी और आपको लात मारकर बाहर निकाल देगी। आप क्या कर सकते हैं? मृत्युः सर्व हरस चाहम (भ.गी. १०.३४) मौत आएगी और सब कुछ हर लेगी, आपके पास क्या बचा है। ख़त्म हो गया। और वह आपको एक कुत्ता बना देगा। अब भौंको। (हँसी) आप इसे कैसे रोक सकते हैं? प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि (भ गी. ०३.२७)। आपने विधान सभा में कैसे भौंकते हैं उसका अभ्यास किया है, अब जाकर कुत्ता बन जाओ और भौंकते रहो: यौ, यौ, यौ। (हँसी) यही चल रहा है। वे नहीं जानते कि जीवन क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या है।"
760823 - सुबह की सैर - हैदराबाद