HI/Prabhupada 0327 - जीव, इस शरीर, स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर, के भीतर है



Room Conversation -- April 20, 1976, Melbourne

कैरल जार्विस: आपने पहले मुझे बताया था कि अाप हजारों डॉलर बनाते हैं एक दिन में अपनी किताबों की बिक्री करके ।

प्रभुपाद: हाँ ।

कैरल जार्विस: अगर आप अपने विचारों को अन्य लोगों को देना चाहते हैं, तो क्यों आप किताबें बेचते हैं और उनसे पैसा कमाते हैं?

प्रभुपाद: अन्यथा तुम इसे पढ़ोगे नहीं । मैं तुम्हे मुफ्त में दूँ, तो तुम सोचोगे, "आह, यह कुछ बकवास है । वे मुफ्त में दे रहे हैं ।"

कैरल जार्विस: जरूरी नहीं उन्हें मुफ्त दें, लेकिन शायद उन्हें बेचें उस मूल्य के लिए जो उन्के उत्पादन की लागत हो ।

प्रभुपाद: तो जब वे इसके लिए भुगतान करते हैं... वे इसके लिए भुगतान करते हैं, वे देखने की कोशिश करेंगे "यह किताबें क्या कह रही हैं ? मैं देखूँ ।" और अगर तुम्हे मुफ्त में मिले, तो तुम सैकड़ों वर्ष तक उसे अपने रैक में रख सकते हो । तो ... लेकिन, हमें इन पुस्तकों को मुद्रित करना है, तो कौन उस के लिए भुगतान करेगा ? हमारे पास पैसे नहीं हैं ।

कैरल जार्विस: ठीक है, सड़कों में एकत्र किए गए बाकी की रकम का क्या होगा ?

प्रभुपाद: हम अपना आंदोलन बढ़ा रहे हैं । हम केन्द्रों को खोल रहे हैं । हम अधिक किताबें मुद्रण कर रहे हैं । यह मेरी किताबें हैं । मैंने एक भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट बनाया है । यही मेरी इच्छा है । और मैंने मेरी इच्छा दे दी है कि संग्रह का पचास प्रतिशत पुस्तकें पुन: छापने के लिए खर्च किया जान चाहिए और पचास प्रतिशत आंदोलन के प्रसार के लिए खर्च किया जाना चाहिए । तो भौतिक लाभ का सवाल ही नहीं है ।

कैरल जार्विस: तो क्या मेैं आप से पूछ सकती हूँ अाखिर में कि, आपका कोई संदेश है ?

प्रभुपाद: हाँ, यही संदेश है कि लोग यह सोचते हैं कि वे यह शरीर हैं, लेकिन यह तथ्य नहीं है । आत्मा, या व्यक्ति, वह शरीर के भीतर है । जैसे तुम यह शर्ट और कोट नहीं हो । तुम शर्ट और कोट के भीतर हो । इसी प्रकार, जीव, प्राणी, इस शरीर के भीतर है, स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर । सूक्ष्म शरीर, मन, बुद्धि और अहंकार से बना है, और स्थूल शरीर, इन भौतिक चीज़ों की एक रचना है, पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, ऐसे, पाँच तत्व । कुल मिलाकर, आठ तत्व । यह निम्न शक्ति है । और बहेतर शक्ति इन आठ तत्वों, पाँच स्थूल और तीन सूक्ष्म के भीतर है । तो हमें इन चीजों के बारे में अध्ययन करना होगा । जैसा कि मैंने उस लड़के से पूछा, "तुम आकाश में एक बड़ी मशीन का निर्माण कर सकते हो, अाकाश में उड़ान भरते हुए, ७४७, लेकिन तुम क्यों पायलट का निर्माण नहीं करते ?"