HI/670521 - हयग्रीव को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क: Difference between revisions
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मेरे प्रिय हयग्रीव, <br/> | मेरे प्रिय हयग्रीव, <br/> | ||
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। | कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका पत्र प्राप्त हुआ। मैं समझता हूं कि कुछ लड़कियों ने स्वेच्छा से टाइप किया है और इसलिए अब आप संशोधित(सुधार) कर सकते हैं गीतोपनिषद् को अच्छी तरह से और सही ढंग से टाइप कर सकते हैं। इससे पहले कि उसे प्रेस को सौंप दिया जाए. मैं रायराम को सलाह दे रहा हूं कि छठे और सातवें अध्याय को संपादन के लिए आपके पास भेजें और मैं अपने साथ पुनः संपादन और टाइप के लिए शेष राशि ले जाऊंगा। मैं जून १९६७ के दूसरे सप्ताह तक सैन फ्रांसिस्को पहुंच रहा हूं। आशा है कि आप ठीक हैं। | ||
आपका नित्य शुभचिंतक, | आपका नित्य शुभचिंतक, | ||
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ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी | ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी |
Latest revision as of 09:14, 6 May 2021
मई २१, १९६७
अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरे प्रिय हयग्रीव,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका पत्र प्राप्त हुआ। मैं समझता हूं कि कुछ लड़कियों ने स्वेच्छा से टाइप किया है और इसलिए अब आप संशोधित(सुधार) कर सकते हैं गीतोपनिषद् को अच्छी तरह से और सही ढंग से टाइप कर सकते हैं। इससे पहले कि उसे प्रेस को सौंप दिया जाए. मैं रायराम को सलाह दे रहा हूं कि छठे और सातवें अध्याय को संपादन के लिए आपके पास भेजें और मैं अपने साथ पुनः संपादन और टाइप के लिए शेष राशि ले जाऊंगा। मैं जून १९६७ के दूसरे सप्ताह तक सैन फ्रांसिस्को पहुंच रहा हूं। आशा है कि आप ठीक हैं।
आपका नित्य शुभचिंतक,
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1967-05 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, न्यू यॉर्क से
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- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, न्यू यॉर्क
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - हयग्रीव को
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