Category:1080 Bhojpuri Pages with Videos
- More than 750 devotees have already translated, as subtitles in YouTube, over 39,000 texts from Śrīla Prabhupāda's lectures and conversations. These translated texts are now becoming available as Vanipedia pages.
- Each page is accompanied by an audio clip, a video clip with subtitles, a link to the original Vaniquotes page in English and a link to the original Vanisource page in English.
- Here is the full list of the 1080 original Vaniquotes pages in English which are the source for all the translations.
- Below you can see, at a glance, how many of these translated texts are now available as Vanipedia pages in your language.
- If you want to help translate some of the 1080 original Vanipedia pages in English in your language, or help to create more pages, or if you see some ways to improve the existing translations, then please contact visnu.murti.vani@ gmail.com
- Here you can read about the translation project, see all the participating languages and get some information to start serving.
Pages in category "1080 Bhojpuri Pages with Videos"
The following 25 pages are in this category, out of 25 total.
B
- BH/Prabhupada 0353 - Write, Read, Talk, Think, Worship, Cook & Eat for Krishna - That is Krsna-kirtana
- BH/Prabhupada 1057 - भगवद गीता के गीतोपनिषद भी कहल जाला , इ वैदिक ज्ञान के सार ह
- BH/Prabhupada 1058 - भगवद गीता के प्रवचन भगवान श्री कृष्ण कईले बानीं
- BH/Prabhupada 1059 - जैसे ही केहू भगवान के भगत बने ला , ओकर
- BH/Prabhupada 1060 - जब तक ले भगवद गीता के आदर के साथ स्वीकार ना कईल जाव...
- BH/Prabhupada 1061 - भगवद गीता के भीतर पांच सचाई के बतावल बा
- BH/Prabhupada 1062 - प्रकृति पर मालिक बने के अधिकार जमावे के , हमनी के आदत बा
- BH/Prabhupada 1063 - कर्म के प्रतिक्रिया से , ओकरा फल से बचे के चाहीं
- BH/Prabhupada 1064 - श्री भगवान सभ प्राणी का ह्रदय में निवास करीले
- BH/Prabhupada 1065 - पहिला पाठ इहे समझे के बा कि , इ पञ्चभौतिक देह, आदमी ना ह
- BH/Prabhupada 1066 - जेकरा कम अकिल बा , उ परम सत्य के अव्यक्त मान लेला
- BH/Prabhupada 1067 - भगवद गीता के आपन अरथ ना लगावे के चाहीं , एह में कवनो काट छाँट ना करे के चाहीं
- BH/Prabhupada 1068 - प्रकृति तीन गुण के जईसन , आदमी के काम भी तीन तरह के होला
- BH/Prabhupada 1069 - धरम से विश्वास के पता चल जाला . धरम बदल सकता, लेकिन सनातन धरम नईखे बदल सकत
- BH/Prabhupada 1070 - सेवा करल, प्राणी के चिरंतन धरम ह
- BH/Prabhupada 1071 - भगवान के संगति , भगवान् के साथ मित्रता , भी आनन्द देबेला
- BH/Prabhupada 1072 - एह संसार के छोड़ के सनातन धाम में शाश्वत जीवन जीये के चाहीं
- BH/Prabhupada 1073 - जब तक ले हमनीं का प्रकृति पर कब्जा करे के आदत ना छोड़ देहब
- BH/Prabhupada 1074 - एह भौतिक संसार में हमनीं के जेतना दुःख के अनुभव होला - उ सब एह शरीर के कारन होखेला
- BH/Prabhupada 1075 - एह जीवन में जेतना काम हो रहल बा, उ अगिला जीवन के तैयारी हो रहल बा
- BH/Prabhupada 1076 - शरीर ख़तम भईला पर हमनीं के एही संसार में रह सकतानी , चाहे आध्यात्मिक संसार में जा सकतानी
- BH/Prabhupada 1077 - भगवान परम हवीं . उनका नाम आ उनका में कवनो अंतर नईखे
- BH/Prabhupada 1078 - चैबीस घंटा भगवान के सुमिरन में मन आ बुद्धि लागल रहे के चाहीं
- BH/Prabhupada 1079 - भगवद गीता दिव्य शास्त्र ह, ओह के सावधान होके पढ़े के चाहीं
- BH/Prabhupada 1080 - Summarized in the Bhagavad-gita - One God is Krishna. Krishna is not sectarian God