HI/660520 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत बूँदें |
"बद्ध जीवात्माओं के मार्ग दर्शन के लिए ही वैदिक शास्त्रों का निर्माण हुआ। भौतिक प्रकृति के नियमों के कारण इस भौतिक जगत् में सभी जीव बद्ध जीव हैं। यह संरचना, विशेषकर यह मानवीय देह, इस भौतिक जकड़न से छुटकारा पाने का एक अवसर है।और भगवान् विष्णु की सन्तुष्टि के लिए कर्म करने से ही यह अवसर हमें प्राप्त हो सकता है। |
660520 - Lecture BG 03.08-13 - New York |