HI/661203 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"श्रीमद् भागवतम् में बारह स्कन्द हैं। दसवें स्कन्द में श्री कृष्ण के अवतरित होने और उनकी लीलाओं का वर्णन है। उससे पहले नौ स्कंध में भगवान् के जीवन की लीलाओं का वर्णन है। अत: ऐसा क्यों? "दशमें दशमम् लक्ष्यम् अश्रिताश्य-विग्रहं" श्री कृष्ण का ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें उनकी संरचना क्या है? यह संरचना (जगत) कैसे चल रहा है?, उनकी क्रियायें क्या हैं? इसका आध्यात्मिक ज्ञान क्या है? इसका तत्व ज्ञान क्या है? त्याग क्या है? मुक्ति क्या है? इन सब विषयों का ज्ञान होना आवश्यक है। इन सब को अच्छे से जानने के पश्चात् ही तुम कृष्ण को जान सकोगे।"
661203 - Lecture CC Madhya 20.146-151 - New York