HI/670106c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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Revision as of 16:11, 7 April 2019

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भौतिकवादी का मतलब असाधारण व्यक्तित्व नहीं है। जो कोई कृष्ण के बारे में नहीं जानता, वह भौतिकवादी है। और जो नियम और सिद्धांतों के तहत कृष्ण विज्ञान में प्रगति करता है, उसे अध्यात्मवादी कहा जाता है। इसलिए भौतिकवादी का रोग है, हरावभक्तस्य कुतो महद्गुणा मनोरथेनासति धावतो बहिः (SB 5.18.12)। जब तक हम पूरी तरह से कृष्ण चेतना में लीन नहीं होते, तब तक हम मानसिक स्थर पर मंडराएंगे। आपको इतने सारे दार्शनिक मिल जाएंगे, वे मानसिक स्थर पर अनुमान लगा सकते हैं, लेकिन वास्तव में वे असत् हैं। उनकी गतिविधियों को भौतिकवादी रूप में देखा जाएगा। कोई आध्यात्मिक बोध नहीं है। कम या ज्यादा मात्रा में यह भौतिक वाद हर जगह है।”
670106 - प्रवचन CC Madhya 21.62-67 - न्यूयार्क