HI/680824b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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Revision as of 05:31, 18 April 2019

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
श्री-कृष्ण-नाम साधारण नाम नहीं है। 'नाम' का अर्थ होता है नाम। श्री-कृष्ण-नाम पारलौकिक है, निरपेक्ष है। भगवान के विषय में, उनके नाम और व्यक्ति और वस्तु में कोई अंतर नहीं है। पर यहाँ इन सब मे अंतर है। नाम और वस्तु दोनों अलग है। पानी और नाम "पानी" और पदार्थ पानी-ये सब एक दूसरे से अलग हैं। मैं केवल "जल, जल" का जाप करके अपनी प्यास को संतुष्ट नहीं कर सकता। लेकिन हरे कृष्ण का जाप करने से मैं स्वयं भगवान को महसूस कर सकता हूं। यही अंतर है।
680824 - प्रवचन BG 04.01 - मॉन्ट्रियल