HI/681105 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भगवान का लोक पारस पत्थर, चिंतामणि से बना हुआ है। वहाँ घर है…जैसे हम इस दुनिया में अनुभव करते हैं कि यहाँ घर ईंट-पत्थरों से बना हुआ है, वैसे ही चिन्मय जगत में सारे घर चिंतामणि, पारस पत्थरों से बना हुआ है। चिंतामणि-प्रकर-सदमसु कल्प-वृक्ष-(ब्रह्म-संहिता ५.२९)। वहाँ पर वृक्ष भी है, परंतु इन वृक्षों के तरह नहीं। वहाँ सभी पेड़ कल्प-वृक्ष हैं।यहाँ आप एक चीज़ ले सकते हैं, पर वहाँ, उन पेड़ों से आप कुछ भी माँग सकते हैं और आपको मिल जाएगा, क्योंकी वे आध्यात्मिक पेड़ हैं। जड़ ओर चेतन के बीच यही अंतर है।" |
681105 - प्रवचन ब्र.सं. 5.29 - लॉस एंजेलेस |