HI/681216 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"एक भक्त जो सदैव कृष्ण भावनाभावित है, उसके लिए कुछ भी अज्ञात नहीं है। उसको सब ज्ञात है। ठीक जैसे हम संपूर्ण सृष्टि की जानकारी दे सकते हैं - केवल इस भौतिक जगत की ही नहीं, आध्यात्मिक जगत की (भी)। स्पष्ट समझ: कहाँ कहाँ है, क्या क्या है। सभी कुछ। वह ही कृष्ण भावना है। तुम जितनी प्रगति बनाते हो, तब तुम पूरी तरह से, मेरे कहने का मतलब है, ज्ञान के सभी विभागों से परिचित हो जाओगे। सब कुछ पूर्ण है (कृष्ण भावना में)।" |
681216 - प्रवचन BG 02.46-62 - लॉस एंजेलेस |