HI/681213 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 00:03, 1 March 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"यदि तुम सोचते हो "मैं आधा दूध आधा पानी रखूँगा" वह किया जा सकता है, किन्तु दोनों ही मिश्रित या अपवित्र हो जायेंगे । यदि तुम दूध रखना चाहते हो, तब तुम्हें पानी को फेंकना होगा, और यदि तुम पानी रखना चाहते हो, तब तुम दूध नहीं रख सकते। इस प्रकार, भक्ति परेशानुभवः। यह कसौटी है। अगर तुम कृष्ण भावनाभावित हो गए, अगर तुम तुम आध्यात्मिक जीवन में उन्नति कर रहे हो,(तब) उसी अनुपात में तुम भौतिक जीवन शैली से विलग हो जाओगे। वही कसौटी है। सिर्फ सोचना कि " मैं इतना अधिक ध्यान कर रहा हूँ, मैं बहुत अच्छी प्रगति कर रहा हूँ," (यह)नहीं है। तुम्हे परिक्षण करना होगा। परीक्षण यह है कि तुम्हारे... आध्यात्मिक जीवन के सुधार का अर्थ है कि तुम भौतिक जीवन शैली के प्रति अनासक्त हो गए हो।" |
681213 - प्रवचन BG 02.40-45 - लॉस एंजेलेस |