HI/681221 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
DayaLakshmi (talk | contribs) (Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९६८ Category:HI/अम...") |
(No difference)
|
Revision as of 06:09, 22 March 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
नरोत्तम दास ठाकुर सलाह देते हैं, 'कृपया भगवान नित्यानंद की शरण लें।' भगवान नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय ग्रहण करने का क्या परिणाम होगा? वह कहते हैं कि हेनो निताई बिने भाई "जब तक आप नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय नहीं लेंगे," राधा-कृष्ण नाइते पाइ, 'राधा-कृष्ण से संपर्क करना मुश्किल होगा।' राधा-कृष्ण ... यह कृष्णभावनामृत आंदोलन, राधा-कृष्ण के पास जाने, परम भगवान के साथ उनके उत्कृष्ट आनंदमय नृत्य में जुड़ने के लिए है। यही कृष्णभावनामृत का लक्ष्य है। अतः नरोत्तम दास ठाकुर की सलाह है कि 'यदि आप वास्तव में राधा-कृष्ण की नृत्य पार्टी में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आपको नित्यानंद के चरण कमलों का आश्रय अवश्य लेना चाहिए। |
Lecture Purport to Nitai-Pada-Kamala - - लॉस एंजेलेस |