HI/681228b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"यह एक रोचक कथा है। कैसे व्यक्ति चंद्र ग्रह तक जाता है, कैसे पुनः वापस आता है। ये सभी वैदिक साहित्य में कही गयी हैं। ये कोई बहुत नयी चीज़ नहीं है। परन्तु हमारा उद्देश्य क्या है? हमारा उद्देश्य अलग है। हम अपना मूल्यवान समय व्यर्थ बर्बाद नहीं करने वाले हैं, कृष्ण कहते हैं किअपना समय इन प्रयत्नों में बर्बाद मत करो। कि तुम इस ग्रह को जाओगे, उस ग्रह को, उस ग्रह को, उस ग्रह को। तुम्हें क्या लाभ मिलेगा? जहाँ भी तुम जाओगे तुम्हारी भौतिक विपत्तियां तुम्हारा पीछा करेंगी।" |
681228 - प्रवचन Initiation - लॉस एंजेलेस |