HI/690712b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"सरल भाव से कृष्ण को समझने का प्रयत्न करो, वे कैसे प्रकट होते हैं, वे कैसे अंतर्धान होते हैं, उनकी वैधानिक पदवी क्या है, मेरा वैधानिक स्तर क्या है, कृष्ण के साथ (हमारा) सम्बन्ध क्या है, कैसे जीना है। सभी कुछ। केवल यदि तुम ये बातें समझ जाओ, कृष्ण कहते हैं, जन्म कर्म च मे दिव्यम यो जानाति तत्त्वतः... तत्वतः मायने यथार्थता, वैज्ञानिक दृष्टि से; मनमानेपन या भावुकता या कट्टरपन से नहीं। नहीं। सब कुछ, कृष्ण भावना (में) सब कुछ वैज्ञानिक,पक्का वैज्ञानिक (है)। यह कृत्रिम नहीं है। यह कल्पित नहीं है। " |
690712 - प्रवचन SB - लॉस एंजेलेस |