HI/700720 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"तो, अभी यह सन्यास की औपचारिक स्वीकृति है, किन्तु यथार्थ में सन्यास का उद्देश्य पूर्ण होगा जब तुम संसार के लोगों को नृत्य करने के लिए प्रेरित कर सकोगे जैसे...वही यथार्थ सन्यास है। यह औपचारिक वेश सन्यास नहीं है। असली सन्यास है जब तुम दूसरे लोगों को कृष्ण भावनाभावित बनने के लिए प्रेरित कर सको और वे कृष्ण भावना में नृत्य करें। यदि तुम एक (भी) व्यक्ति को मोड़ कर कृष्ण भावना में ला सको, तब तुम्हारा भगवद्धाम वापस जाना, (भगवान के) घर वापस जाना, आश्वस्त है। वही सन्यास का यथार्थ उद्देश्य है। " |
700720 - प्रवचन Initiation Sannyasa - लॉस एंजेलेस |