HI/730910 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद स्टॉकहोम में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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Revision as of 14:03, 17 August 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"अपनी माँ के गर्भ से बाहर आने से पहले, आप अपनी माँ या पिता के हाथों मारे जा सकते हैं। क्योंकि वह आंदोलन चल रहा है, गर्भपात। इसलिए या तो आप बहुत अमीर माँ या गरीब माँ के गर्भ में हैं या काली माँ या श्वेत माँ या एक विद्वान माँ या मूर्ख माँ की कोख, माँ के भीतर रहने का दर्द एक समान है। ऐसा नहीं है कि आप एक अमीर माँ के गर्भ में हैं, इसलिए गर्भ के भीतर कोई दर्द नहीं होगा, वही दर्द होग। तो फिर से जन्म, तब फिर से, जैसे ही आप कुछ भौतिक शरीर को स्वीकार करते हैं, आपको शारीरिक पीड़ा और आनंद भुगतना पड़ेगा। फिर, मृत्यु के समय, वही दर्दनाक स्थिति। इसलिए यह मायने नहीं रखता कि कोई अमीर है, कोई गरीब है, भौतिक स्थिति है, दोनों को ही हमें भोगना पड़ेगा।"
730910 - प्रवचन श्री.भा. ०५.०५.०५ - स्टॉकहोम