HI/740102 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 23:24, 31 August 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
लोग पढ़ने में रुचि रखते हैं, लेकिन वे सभी तथाकथित साहित्य, कविता पढ़ रहे हैं । लेकिन हमें इस तरह के साहित्य में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि उनमे कृष्ण कथा नहीं है । हम श्रीमदभागवतम् और भगवद गीता - में रुचि रखते हैं । क्यों? क्योंकि यह कृष्ण-कथा है । एक ही प्रवृत्ति है । हर कोई कुछ पढ़ना चाहता है । तो हम भी कुछ पढ़ना चाहते हैं । लेकिन हम भगवद गीता, भागवतम्, चैतन्य-चरितामृत पढ़ते हैं, क्योंकि उनमे कृष्ण कथा हैं । हम किसी अन्य बकवास साहित्य में रुचि नहीं रखते हैं, कितनी भी अच्छी तरह से तैयार क्यों न किया गया हो । |
740102 - प्रवचन श्री.भा. १.१६.५ - लॉस एंजेलेस |