HI/740608 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद पेरिस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"चैतन्य महाप्रभु की कृपा से, आप इस कृष्ण चेतना दर्शन को समझने की कोशिश कर रहे हैं, और कोई कठिनाई नहीं है। हमारे भगवद गीता में सब कुछ है। आप बस समझने की कोशिश करें, और अपने जीवन को सफल बनाएं। यही हमारा अनुरोध है। दुष्ट, मूढ़, नराधम, मायावादी-ज्ञानी मत बनो। इस शिक्षा का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि इसमें वास्तविक ज्ञान, कुछ भी नहीं है। वास्तविक ज्ञान भगवान को समझना है। पूरी दुनिया में कोई शिक्षा नहीं है, कोई विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिए वे बस बदमाश पैदा कर रहे हैं। तो मेरा एकमात्र अनुरोध यह है कि बदमाश न बनें। आप बस यहाँ राधा-कृष्ण की पूजा करते हैं। राधा-कृष्णा-प्रणय-विकृतिर (चै.च. आदि १.५)। बस कृष्ण को समझने की कोशिश करें और फिर आपका जीवन सफल हो जाएगा।” |
740608 - प्रवचन आगमन पर - पेरिस |