HI/670104b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/670104CC-NEW_YORK_ND_02.mp3</mp3player>|"ये सभी ग्वाल बाल और हर कोई, गाये और हर कोई, ये सब भगवान् कृष्ण की शक्ति के विस्तार है। वे आध्यात्मिक है। जिस प्रकार हम कृष्ण की तटस्थ शक्ति है और प्रकृति भी कृष्ण की बहिरंगा शक्ति की विस्तरण है, उसी प्रकार आध्यात्मिक जगत में ये सब कुछ - कृष्ण, ग्वाल बाल, गाये, और सब कुछ - वे भगवान् की आध्यात्मिक शक्ति के विस्तार हैं।" |Vanisource:670104 - Lecture CC Madhya 21.13-49 - New York|670104 - प्रवचन चै.च. मध्य २१.१३-४९ - न्यूयार्क}} |
Latest revision as of 04:30, 13 October 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
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"ये सभी ग्वाल बाल और हर कोई, गाये और हर कोई, ये सब भगवान् कृष्ण की शक्ति के विस्तार है। वे आध्यात्मिक है। जिस प्रकार हम कृष्ण की तटस्थ शक्ति है और प्रकृति भी कृष्ण की बहिरंगा शक्ति की विस्तरण है, उसी प्रकार आध्यात्मिक जगत में ये सब कुछ - कृष्ण, ग्वाल बाल, गाये, और सब कुछ - वे भगवान् की आध्यात्मिक शक्ति के विस्तार हैं।" |
670104 - प्रवचन चै.च. मध्य २१.१३-४९ - न्यूयार्क |