HI/731026b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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Revision as of 02:32, 15 November 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कामम ववर्ष पर्जन्यः। तो यदि नियमित वर्षा हो, तब जीवन की सभी आवश्यतक वस्तुएं सुलभ हो जातीं हैं। और गौएँ इतनी प्रसन्न थीं कि उनके थन इतने भरे थे कि चरागाह की भूमि दूध से गीली हो गयी थी। वे इतना दूध दे रहीं थीं। तो (तुम्हें) प्रबंध करना चाहिए कि कैसे अधिक दूध और अन्न प्राप्त कर सको। समस्त आर्थिक समस्या हल हो जाएगी। किन्तु अधिक दूध प्राप्त करने कि जगह, वे गोवध कर रहे हैं, निरीह पशु। तो लोग असुर बन गए हैं , मूढ़, इसलिए उन्हें कष्ट भोगना ही होगा। और कोई राह नहीं है।"
731026 - Departure - बॉम्बे