HI/681011 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सिएटल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"यह कृष्णभावनामृत आंदोलन, हम सर्वोच्च नेता, सर्वोच्च व्यक्तित्व, की पूजा कर रहे हैं। मानव समाज बिना नेता के काम नहीं कर सकता। आप कहीं भी जाऍं, किसी भी देश, किसी भी राष्ट्र, किसी भी समाज, किसी भी समुदाय, किसी भी परिवार में, एक नेता है। अतः वेद निर्देश देते हैं कि एक सर्वोच्च नेता हैं। नित्योऽनित्यानां चेतनश्चेतनानामेको बहूनां यो विदधाति कामान् (कठ उपनिषद २.२.१३)। यह, कठ उपनिषद में, बहुत महत्वपूर्ण मंत्र है।" |
681011 - प्रवचन - सिएटल |