HI/730113 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"जड़ में पानी डालो, और यह पहुंच जाएगा। यही तरीका है। इसी तरह से यदि आप अपने समाज, अपने दोस्तों, अपने देश, अपने परिवार, अपने आप से, अपने कुत्ते से, सबसे प्यार करते हैं-यदि आप कृष्ण से प्यार करते हैं, तो सारा प्यार अपने-आप वितरित हो जायेगा। लेकिन अगर आप कृष्ण से प्यार नहीं करते हैं, और बस इस से प्यार करते हैं, उससे प्यार करते हैं, बस, यह कभी भी पूर्ण नहीं होगा। इसलिए पूरी दुनिया भ्रमित है। वे यह नहीं जानते कि प्यार को कहाँ जताना है। वे नहीं जानते। इसलिए कृष्ण प्रचार कर रहे हैं: सर्व धर्मान परित्यज्य माम् एकम (भ.गी १८.६६) "यहां आओ! मुझसे प्यार करो! मेरे लिए अपना लगाव बढ़ाओ। सब कुछ ठीक हो जाएगा।" अन्यथा यह केवल अस्पष्ट है।" श्रम एव ही केवलं"। बस समय की बर्बादी।" |
730113 - प्रवचन BG 07.01 - बॉम्बे |