HI/701104 बातचीत - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/701104R1-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप केवल मेरे प्रति आत्म-समर्पण करो ।" अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है ? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण करो ।" ([[HI/BG 18.66|भ.गी. १८.६६]]) तो कितनो ने ऐसा किया है ? तो यह एक भद्दा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करेगा, तो दुनिया का क्या होगा ?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा । आत्मसमर्पण करना बहुत मुश्किल है जो वह नहीं जानता । (Hindi) यह उम्मीद नहीं की जाती कि हर कोई साधु बन जाएगा । साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु का शुद्ध स्वभाव ।|Vanisource:701104 - Conversation - Bombay|701104 - बातचीत - बॉम्बे}} |
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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप केवल मेरे प्रति आत्म-समर्पण करो ।" अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है ? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण करो ।" (भ.गी. १८.६६) तो कितनो ने ऐसा किया है ? तो यह एक भद्दा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करेगा, तो दुनिया का क्या होगा ?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा । आत्मसमर्पण करना बहुत मुश्किल है जो वह नहीं जानता । (Hindi) यह उम्मीद नहीं की जाती कि हर कोई साधु बन जाएगा । साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु का शुद्ध स्वभाव । |
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