HI/670208 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 12:44, 5 April 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"चैतन्य महाप्रभु कहते हैं कि,"मेरे गुरु महाराज, मेरे आध्यात्मिक गुरु, ने मुझसे कहा कि 'इस श्लोक को अपने कंठ के भीतर रखो, और जप करते जाओ, और मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूँ कि, तुम मुक्त हो जाओगे। तुम्हे केवल मुक्ति ही नहीं, अपितु अपना परम लक्ष्य, कृष्ण ग्रह पहुँच जाओगे।" |
670207 - प्रवचन चै.च. आदि ७.४९-६५- सैन फ्रांसिस्को |