HI/700703 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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व्रत, दृढ़ निश्चय, होना चाहिए।" |Vanisource:700703 - Lecture Initiation - Los Angeles|700703 - प्रवचन | {{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/700702b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|700702b|HI/700703b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|700703b}} | ||
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Latest revision as of 13:43, 24 January 2023
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भौतिक संदूषण का अर्थ इस भौतिक संसार का आनंद लेने की इच्छा है। यह संदूषण है। इस भौतिक संसार से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। ब्रह्मा भूतः। आप आत्मा हैं। दुर्भाग्य से, हमें इस संग में रखा गया है। यह एक और अध्याय है। परंतु अब हम इससे बाहर आने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि हम अपने वास्तविक घर, परमात्मा के घर, वापस जाने का प्रयास कर रहे हैं , तथा साथ ही कुछ भौतिक विवेक संतुष्टि की इच्छा रखते हैं, तो यह एक और अपराध है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। हमें भूलने का प्रयास करना चाहिए। हम भूलने का प्रयास करेंगे। हमें भौतिक भोग की कोई आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार का हमारा व्रत, दृढ़ निश्चय, होना चाहिए।" |
700703 - प्रवचन दीक्षा - लॉस एंजेलेस |