HI/740512 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"मेरे गुरु महाराज कहते थे "आप भगवान को देखने की कोशिश मत कीजिए।" आप बस समझने की कोशिश कीजिए। "बस ऐसे कार्य करिए की भगवान आपको देखे।" यह है कृष्ण भावनामृत आंदोलन। सब लोग भगवान को देखने में व्यस्त हैं। अवश्य ही भगवान को देखना सरल नहीं है। किंतु एक भक्त भगवान को देखने में व्यस्त नही रहता, अपितु वह चाहता है की भगवान उन्हें देखे। जैसे की आप किसी संस्थापना में कार्य का रहे हैं, निष्ठा से, तो वहा का मालिक आपको खुद देख लेगा। आप मालिक को देखने की कोशिश न करे। ऐसे कार्य करिए की मालिक आपसे मिलने को इच्छुक होगा, "अरे, यह व्यक्ति तो बहुत अच्छे से कार्य कर रहा है, यह व्यक्ति कौन है?" तो यह हमारा काम है। यह चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा है।"

740512 - प्रवचन भ.गी १२.१३-१४ - बॉम्बे