HI/700513 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९७० Category:HI/अम...") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७०]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९७०]] | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस]] | ||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/700513IP-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"हम इच्छाहीन नहीं हो सकते। हम चुप नहीं रह सकते। | <!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/700512c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|700512c|HI/700513b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|700513b}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/700513IP-LOS_ANGELES_ND_01.mp3</mp3player>|"हम इच्छाहीन नहीं हो सकते। हम चुप नहीं रह सकते। परंतु हमारी इच्छाओं, हमारी गतिविधियों, को शुद्ध करना होगा। यह ही वास्तविक ज्ञान है। यह ही वास्तविक ज्ञान है। हम केवल कृष्ण की सेवा करना चाहेंगे। यह ही इच्छाओं की शुद्धि है।"|Vanisource:700513 - Lecture ISO 09 - Los Angeles|700513 - प्रवचन इशो ०९ - लॉस एंजेलेस}} |
Latest revision as of 03:31, 12 September 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"हम इच्छाहीन नहीं हो सकते। हम चुप नहीं रह सकते। परंतु हमारी इच्छाओं, हमारी गतिविधियों, को शुद्ध करना होगा। यह ही वास्तविक ज्ञान है। यह ही वास्तविक ज्ञान है। हम केवल कृष्ण की सेवा करना चाहेंगे। यह ही इच्छाओं की शुद्धि है।" |
700513 - प्रवचन इशो ०९ - लॉस एंजेलेस |