HI/Prabhupada 0411 - उन्होंने एक भव्य ट्रक का निर्माण किया है: "गट,गट,गट,गट,गट": Difference between revisions

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हम अपने घर और पिता को छोड़ अाए, और हम इस भौतिक दुनिया में गिर गए, और हम बहुत ज्यादा पीड़ित हैं । (हृदयानंद द्वारा स्पेनिश में अनुवाद ।) यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे एक बहुत अमीर आदमी का बेटा आजादी के लिए घर छोड़ देता है, और अनावश्यक परेशानी ले रहा है, पूरी दुनिया में भटक कर । (स्पेनिश) एक अमीर आदमी के बेटे को करने के लिए कुछ नहीं है । उसके पिता की संपत्ति उसके आरामदायक जीवन के लिए पर्याप्त है । (स्पेनिश) फिर भी, जैसे हमें पश्चिमी देशों से अब उदाहरण मिल गया है, कई अमीर आदमी के बेटे हिप्पी हो जाते हैं, घर छोड़ देते हैं और अनावश्यक रूप से परेशानी लेते हैं । (स्पेनिश) हमारी स्थिति, हमारी जरूरत, हम अब जीव जो इस भौतिक दुनिया में हैं, बिल्कुल वैसा ही हैं । (स्पेनिश) हम स्वेच्छा से इस भौतिक दुनिया में आ गए हैं इन्द्रिय आनंद के लिए । (स्पेनिश) और इन्द्रिय आनंद में हम अपने परम पिता, भगवान को भूल गए हैं । (स्पेनिश) भौतिक प्रकृति का धर्म है केवल हमें जीवन की दयनीय हालत देना । (स्पेनिश) कृष्ण भुलिया जीव भोग वांछा करे पाशेते माया तारे जापटिया धरे, मतलब है जैसे ही जीव भगवान के बिना, श्री कृष्ण के बिना जीवन का आनंद लेना चाहता है, तुरंत वह माया के चंगुल के तहत अा जाता है । (स्पेनिश) यह हमारी स्थिति है । हम माया के नियंत्रण में हैं, हम इसे से बाहर भी निकल सकते हैं, यह भगवद गीता ([[Vanisource:BG 7.14|भ गी ७।१४]]) में कहा गया है, माम एव या प्रपद्यन्ते मायाम एताम तरंति : "जो कोई मुझे पर्यत आत्मसमर्पण करता है वह माया के नियंत्रण से बाहर हो जाता है ।" (स्पेनिश) इसलिए हम सभी दुनिया भर में कृष्ण भावनामृत पर उपदेश कर रहे हैं, या भगवान भावनामृत पर, और सिखा रहे हैं कि कैसे श्री कृष्ण के प्रति समर्पण करना है, और इस तरह माया के चंगुल से बाहर निकलना है । (स्पेनिश) हमारी इस के अलावा कोई अन्य इच्छा या महत्वाकांक्षा नहीं है । (स्पेनिश) हम स्पष्ट रूप से कहते हैं, "यहाँ भगवान है " । तुम पर्यत आत्मसमर्पण करो उनको । तुम हमेशा उनके बारे में सोचो, अपना नमस्कार प्रदान करो । तो तुम्हार जीवन सफल हो जाएगा । (स्पेनिश) लेकिन सामान्य तौर पर लोग, वे वास्तव में पागल हैं । (स्पेनिश) बस इन्द्रिय संतुष्टि के लिए, वे तो पूरा दिन और रात काम कर रहे हैं इसलिए भक्तों को उनकी दुर्दशा देखकर बहुत खेद है । (स्पेनिश)
हम अपने घर और पिता को छोड़ अाए, और हम इस भौतिक दुनिया में गिर गए, और हम बहुत ज्यादा पीड़ित हैं । (हृदयानंद द्वारा स्पेनिश में अनुवाद ।) यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे एक बहुत अमीर आदमी का बेटा आजादी के लिए घर छोड़ देता है, और अनावश्यक परेशानी ले रहा है, पूरी दुनिया में भटक कर । (स्पेनिश) एक अमीर आदमी के बेटे को करने के लिए कुछ नहीं है । उसके पिता की संपत्ति उसके आरामदायक जीवन के लिए पर्याप्त है । (स्पेनिश) फिर भी, जैसे हमें पश्चिमी देशों से अब उदाहरण मिल गया है, कई अमीर आदमी के बेटे हिप्पी हो जाते हैं, घर छोड़ देते हैं और अनावश्यक रूप से परेशानी लेते हैं । (स्पेनिश) हमारी स्थिति, हमारी जरूरत, हम अब जीव जो इस भौतिक दुनिया में हैं, बिल्कुल वैसा ही हैं । (स्पेनिश) हम स्वेच्छा से इस भौतिक दुनिया में आ गए हैं इन्द्रिय आनंद के लिए । (स्पेनिश) और इन्द्रिय आनंद में हम अपने परम पिता, भगवान को भूल गए हैं । (स्पेनिश) भौतिक प्रकृति का कर्त्तव्य है केवल हमें जीवन की दयनीय हालत देना । (स्पेनिश) कृष्ण भुलिया जीव भोग वांछा करे पाशेते माया तारे जापटिया धरे, मतलब है जैसे ही जीव भगवान के बिना, श्री कृष्ण के बिना, जीवन का आनंद लेना चाहता है, तुरंत वह माया के चंगुल के तहत अा जाता है । (स्पेनिश) यह हमारी स्थिति है ।  


प्रहलाद महाराजा ने कहा कि "मैं इन लोगों के लिए बहुत खेदित हूँ ।" वे कौन हैं? ततो विमुख-चेतसा माया-सुखाय भरम उदवहतो विमुढान ([[Vanisource:SB 7.9.43|श्री ७।९।४३]]) ये दुष्ट, विमुढान, उन्होंने एक सभ्यता का सृजन किया है, भव्य सभ्यता । वह क्या है? जैसे विशेष रूप से तुम्हारे देश में, सफाई के लिए एक भव्य ट्रक । व्यापार है साफ करना, और इसके लिए उन्होंने एक भव्य ट्रक का निर्माण किया है: गट,गट,गट,गट,गट,।" (स्पेनिश) सफाई हाथ से की जा सकती है । इतने सारे लोग हैं । लेकिन वे गली में घूम रहे हैं, और एक विशाल ट्रक सफाई के लिए आवश्यक है । (स्पेनिश) यह जोरदार आवाज पैदा करता है, और यह बहुत खतरनाक भी है लेकिन वे सोच रहे हैं "यह सभ्यता की उन्नति है ।" (स्पेनिश) इसलिए प्रहलाद महाराजा ने कहा, माया-सुखाय । बस सफाई से राहत पाने के लिए - कोई राहत नहीं मिलीती है, अन्य परेशानियॉ है - लेकिन वे सोच रहे हैं "अब हमें सफाई नहीं करनी है । यह एक बड़ी राहत है ।" (स्पेनिश) इसी तरह, एक साधारण रेजर हजामत बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, और उनके पास इतने सारे मशीन हैं । (स्पेनिश) और मशीनों के विनिर्माण के लिए, कई कारखाने । (स्पेनिश) तो इस तरह से अगर हम अध्ययन करें तो, हर एक मुद्दे को, इस तरह है कि सभ्यता को राक्षसी सभ्यता कहा जाता है । (स्पेनिश) उग्र-कर्म । उग्र-कर्म का मतलब है क्रूर गतिविधियॉ । (स्पेनिश) तो भौतिक आराम के लिए कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वास्तव में हमें देखना है कि क्या वे आराम है या दुखी हालत । (स्पेनिश) इसलिए हमारा मनुष्य जीवन समय की बचत के लिए है हमारे कृष्ण भावनामृत को विकसित करने के लिए । (स्पेनिश) यह अनावश्यक रूप से बर्बाद करने के लिए नहीं है । (स्पेनिश) क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि अगला मौत कब आ रहा है । (स्पेनिश) अौर अगर हम अगले जीवन के लिए अपने अाप को तैयार नहीं करते हैं, तो किसी भी क्षण, हम मर सकते हैं, और हमें भौतिक प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए एक शरीर को स्वीकार करना होगा । (स्पेनिश) इसलिए मेरी इच्छा कि अाप सब जो इस कृष्ण भावनामृत आंदोलन में शामिल हो गए हैं, बहुत ध्यान से जियो, ताकि माया तुम्हे छीन नहीं सकती है कृष्ण के हाथ से (स्पेनिश) हम बस नियामक सिद्धांतों का पालन करते हुए बहुत स्थिर रख सकते हैं, अपने अाप को और, न्यूनतम सोलह राउंड, का जाप तो फिर हम सुरक्षित हैं । (स्पेनिश) तो तम्हे जीवन की पूर्णता के बारे में कुछ जानकारी मिली है इसका दुरुपयोग न करें । अपने अाप को स्थिर रखने की कोशिश केरें, तो तुम्हारा जीवन सफल हो जाएगा । (स्पेनिश) यह आंदोलन आरामदायक जीवन के लिए कुछ भी बंद नहीं करता है, लेकिन यह विनियमित करता है । (स्पेनिश) तो अगर हम नियामक सिद्धांतों का पालन करें और सोलह राउंड मंत्र का जाप करेम तो हमारी स्थिति सुरक्षित है । (स्पेनिश) मुझे लगता है कि तुम इस निर्देश का पालन करोगे । यही मेरी इच्छा है । बहुत बहुत धन्यवाद । (स्पेनिश)
हम माया के नियंत्रण में हैं, हम इस से बाहर भी निकल सकते हैं, यह भगवद गीता ([[HI/BG 7.14|भ.गी. ७.१४]]), में कहा गया है, माम एव या प्रपद्यन्ते मायाम एताम तरंति : "जो कोई मुझे आत्मसमर्पण करता है वह माया के नियंत्रण से बाहर हो जाता है ।" (स्पेनिश) इसलिए हम सभी दुनिया भर में कृष्ण भावनामृत पर उपदेश कर रहे हैं, या भगवद भावनामृत पर, और सिखा रहे हैं कि कैसे श्री कृष्ण के प्रति समर्पण करना है, और इस तरह माया के चंगुल से बाहर निकलना है । (स्पेनिश) हमारी इस के अलावा कोई अन्य इच्छा या महत्वाकांक्षा नहीं है । (स्पेनिश) हम स्पष्ट रूप से कहते हैं, "यहाँ भगवान है । तुम आत्मसमर्पण करो उनको तुम हमेशा उनके बारे में सोचो, अपना नमस्कार प्रदान करो । तो तुम्हार जीवन सफल हो जाएगा । (स्पेनिश) लेकिन सामान्य तौर पर लोग, वे वास्तव में पागल हैं । (स्पेनिश) बस इन्द्रिय संतुष्टि के लिए, वे तो पूरा दिन और रात काम कर रहे हैं | इसलिए भक्तों को उनकी दुर्दशा देखकर बहुत खेद है । (स्पेनिश)  


भक्त: जय ! जय !
प्रहलाद महाराज ने कहा कि "मैं इन लोगों के लिए बहुत खेदित हूँ ।"  वे कौन हैं? ततो विमुख-चेतसा माया-सुखाय भरम उदवहतो विमुढान ([[Vanisource:SB 7.9.43|श्रीमद भागवतम ७.९.४३]]) | ये दुष्ट, विमुढान, उन्होंने एक सभ्यता का सृजन किया है, भव्य सभ्यता । वह क्या है? जैसे विशेष रूप से तुम्हारे देश में, सफाई के लिए एक भव्य ट्रक  । व्यापार है साफ करना, और इसके लिए उन्होंने एक भव्य ट्रक का निर्माण किया है: गट,गट,गट,गट,गट,।" (स्पेनिश) सफाई हाथ से की जा सकती है । इतने सारे लोग हैं । लेकिन वे गली में घूम रहे हैं, और एक विशाल ट्रक सफाई के लिए आवश्यक है । (स्पेनिश) यह जोरदार आवाज पैदा करता है, और यह बहुत खतरनाक भी है लेकिन वे सोच रहे हैं "यह सभ्यता की उन्नति है ।" (स्पेनिश) इसलिए प्रहलाद महाराज ने कहा, माया-सुखाय । बस सफाई से राहत पाने के लिए - कोई राहत नहीं मिलीती है, अन्य परेशानियॉ है - लेकिन वे सोच रहे हैं  "अब हमें सफाई नहीं करनी है । यह एक बड़ी राहत है ।" (स्पेनिश)
 
इसी तरह, एक साधारण अस्त्रा हजामत बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, और उनके पास इतने सारे मशीन हैं । (स्पेनिश) और मशीनों के विनिर्माण के लिए, कई कारखाने । (स्पेनिश) तो इस तरह से अगर हम अध्ययन करें तो, हर एक मुद्दे को, इस तरह है कि सभ्यता को राक्षसी सभ्यता कहा जाता है । (स्पेनिश) उग्र-कर्म । उग्र-कर्म का मतलब है क्रूर गतिविधियॉ । (स्पेनिश) तो भौतिक आराम के लिए कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वास्तव में हमें देखना है कि क्या वे आराम है या दुखी हालत । (स्पेनिश) इसलिए हमारा मनुष्य जीवन समय की बचत के लिए है हमारे कृष्ण भावनामृत को विकसित करने के लिए । (स्पेनिश) यह अनावश्यक रूप से बर्बाद करने के लिए नहीं है । (स्पेनिश) क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि अगली मौत कब आ रही है । (स्पेनिश) अौर अगर हम अगले जीवन के लिए अपने अाप को तैयार नहीं करते हैं, तो किसी भी क्षण, हम मर सकते हैं, और हमें भौतिक प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए एक शरीर को स्वीकार करना होगा । (स्पेनिश) इसलिए मेरी इच्छा है की अाप सब जो इस कृष्ण भावनामृत आंदोलन में शामिल हो गए हैं, बहुत ध्यान से जियो, ताकि माया तुम्हे छीन नहीं सकती है कृष्ण के हाथ से । (स्पेनिश) हम बस नियामक सिद्धांतों का पालन करते हुए बहुत स्थिर रख सकते हैं, अपने अाप को, और, न्यूनतम सोलह माला का जाप । तो फिर हम सुरक्षित हैं । (स्पेनिश)
 
तो तम्हे जीवन की पूर्णता के बारे में कुछ जानकारी मिली है । इसका दुरुपयोग न करें । अपने अाप को स्थिर रखने की कोशिश केरें, तो तुम्हारा जीवन सफल हो जाएगा । (स्पेनिश) यह आंदोलन आरामदायक जीवन के लिए कुछ भी बंद नहीं करता है, लेकिन यह विनियमित करता है । (स्पेनिश) तो अगर हम नियामक सिद्धांतों का पालन करें और सोलह माला करेंगे तो हमारी स्थिति सुरक्षित है । (स्पेनिश) मुझे लगता है कि तुम इस निर्देश का पालन करोगे । यही मेरी इच्छा है । बहुत बहुत धन्यवाद । (स्पेनिश)
 
भक्त: जय ! जय !  
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Latest revision as of 18:36, 17 September 2020



Departure Lecture -- Mexico City, February 18, 1975

हम अपने घर और पिता को छोड़ अाए, और हम इस भौतिक दुनिया में गिर गए, और हम बहुत ज्यादा पीड़ित हैं । (हृदयानंद द्वारा स्पेनिश में अनुवाद ।) यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे एक बहुत अमीर आदमी का बेटा आजादी के लिए घर छोड़ देता है, और अनावश्यक परेशानी ले रहा है, पूरी दुनिया में भटक कर । (स्पेनिश) एक अमीर आदमी के बेटे को करने के लिए कुछ नहीं है । उसके पिता की संपत्ति उसके आरामदायक जीवन के लिए पर्याप्त है । (स्पेनिश) फिर भी, जैसे हमें पश्चिमी देशों से अब उदाहरण मिल गया है, कई अमीर आदमी के बेटे हिप्पी हो जाते हैं, घर छोड़ देते हैं और अनावश्यक रूप से परेशानी लेते हैं । (स्पेनिश) हमारी स्थिति, हमारी जरूरत, हम अब जीव जो इस भौतिक दुनिया में हैं, बिल्कुल वैसा ही हैं । (स्पेनिश) हम स्वेच्छा से इस भौतिक दुनिया में आ गए हैं इन्द्रिय आनंद के लिए । (स्पेनिश) और इन्द्रिय आनंद में हम अपने परम पिता, भगवान को भूल गए हैं । (स्पेनिश) भौतिक प्रकृति का कर्त्तव्य है केवल हमें जीवन की दयनीय हालत देना । (स्पेनिश) कृष्ण भुलिया जीव भोग वांछा करे पाशेते माया तारे जापटिया धरे, मतलब है जैसे ही जीव भगवान के बिना, श्री कृष्ण के बिना, जीवन का आनंद लेना चाहता है, तुरंत वह माया के चंगुल के तहत अा जाता है । (स्पेनिश) यह हमारी स्थिति है ।

हम माया के नियंत्रण में हैं, हम इस से बाहर भी निकल सकते हैं, यह भगवद गीता (भ.गी. ७.१४), में कहा गया है, माम एव या प्रपद्यन्ते मायाम एताम तरंति : "जो कोई मुझे आत्मसमर्पण करता है वह माया के नियंत्रण से बाहर हो जाता है ।" (स्पेनिश) इसलिए हम सभी दुनिया भर में कृष्ण भावनामृत पर उपदेश कर रहे हैं, या भगवद भावनामृत पर, और सिखा रहे हैं कि कैसे श्री कृष्ण के प्रति समर्पण करना है, और इस तरह माया के चंगुल से बाहर निकलना है । (स्पेनिश) हमारी इस के अलावा कोई अन्य इच्छा या महत्वाकांक्षा नहीं है । (स्पेनिश) हम स्पष्ट रूप से कहते हैं, "यहाँ भगवान है । तुम आत्मसमर्पण करो उनको । तुम हमेशा उनके बारे में सोचो, अपना नमस्कार प्रदान करो । तो तुम्हार जीवन सफल हो जाएगा । (स्पेनिश) लेकिन सामान्य तौर पर लोग, वे वास्तव में पागल हैं । (स्पेनिश) बस इन्द्रिय संतुष्टि के लिए, वे तो पूरा दिन और रात काम कर रहे हैं | इसलिए भक्तों को उनकी दुर्दशा देखकर बहुत खेद है । (स्पेनिश)

प्रहलाद महाराज ने कहा कि "मैं इन लोगों के लिए बहुत खेदित हूँ ।" वे कौन हैं? ततो विमुख-चेतसा माया-सुखाय भरम उदवहतो विमुढान (श्रीमद भागवतम ७.९.४३) | ये दुष्ट, विमुढान, उन्होंने एक सभ्यता का सृजन किया है, भव्य सभ्यता । वह क्या है? जैसे विशेष रूप से तुम्हारे देश में, सफाई के लिए एक भव्य ट्रक । व्यापार है साफ करना, और इसके लिए उन्होंने एक भव्य ट्रक का निर्माण किया है: गट,गट,गट,गट,गट,।" (स्पेनिश) सफाई हाथ से की जा सकती है । इतने सारे लोग हैं । लेकिन वे गली में घूम रहे हैं, और एक विशाल ट्रक सफाई के लिए आवश्यक है । (स्पेनिश) यह जोरदार आवाज पैदा करता है, और यह बहुत खतरनाक भी है लेकिन वे सोच रहे हैं "यह सभ्यता की उन्नति है ।" (स्पेनिश) इसलिए प्रहलाद महाराज ने कहा, माया-सुखाय । बस सफाई से राहत पाने के लिए - कोई राहत नहीं मिलीती है, अन्य परेशानियॉ है - लेकिन वे सोच रहे हैं "अब हमें सफाई नहीं करनी है । यह एक बड़ी राहत है ।" (स्पेनिश)

इसी तरह, एक साधारण अस्त्रा हजामत बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, और उनके पास इतने सारे मशीन हैं । (स्पेनिश) और मशीनों के विनिर्माण के लिए, कई कारखाने । (स्पेनिश) तो इस तरह से अगर हम अध्ययन करें तो, हर एक मुद्दे को, इस तरह है कि सभ्यता को राक्षसी सभ्यता कहा जाता है । (स्पेनिश) उग्र-कर्म । उग्र-कर्म का मतलब है क्रूर गतिविधियॉ । (स्पेनिश) तो भौतिक आराम के लिए कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वास्तव में हमें देखना है कि क्या वे आराम है या दुखी हालत । (स्पेनिश) इसलिए हमारा मनुष्य जीवन समय की बचत के लिए है हमारे कृष्ण भावनामृत को विकसित करने के लिए । (स्पेनिश) यह अनावश्यक रूप से बर्बाद करने के लिए नहीं है । (स्पेनिश) क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि अगली मौत कब आ रही है । (स्पेनिश) अौर अगर हम अगले जीवन के लिए अपने अाप को तैयार नहीं करते हैं, तो किसी भी क्षण, हम मर सकते हैं, और हमें भौतिक प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए एक शरीर को स्वीकार करना होगा । (स्पेनिश) इसलिए मेरी इच्छा है की अाप सब जो इस कृष्ण भावनामृत आंदोलन में शामिल हो गए हैं, बहुत ध्यान से जियो, ताकि माया तुम्हे छीन नहीं सकती है कृष्ण के हाथ से । (स्पेनिश) हम बस नियामक सिद्धांतों का पालन करते हुए बहुत स्थिर रख सकते हैं, अपने अाप को, और, न्यूनतम सोलह माला का जाप । तो फिर हम सुरक्षित हैं । (स्पेनिश)

तो तम्हे जीवन की पूर्णता के बारे में कुछ जानकारी मिली है । इसका दुरुपयोग न करें । अपने अाप को स्थिर रखने की कोशिश केरें, तो तुम्हारा जीवन सफल हो जाएगा । (स्पेनिश) यह आंदोलन आरामदायक जीवन के लिए कुछ भी बंद नहीं करता है, लेकिन यह विनियमित करता है । (स्पेनिश) तो अगर हम नियामक सिद्धांतों का पालन करें और सोलह माला करेंगे तो हमारी स्थिति सुरक्षित है । (स्पेनिश) मुझे लगता है कि तुम इस निर्देश का पालन करोगे । यही मेरी इच्छा है । बहुत बहुत धन्यवाद । (स्पेनिश)

भक्त: जय ! जय !