HI/680116 - गर्गमुनि को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस: Difference between revisions

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ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी


'''ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी''' <br />
कैंप: इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर  
शिविर: इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर <br />
 
५३६४, डब्ल्यू. पिको ब्लाव्ड, लॉस एंजिल्स, कैल. ९००१९ <br />
५३६४, डब्ल्यू. पिको बुलेवार्ड, लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया ९०११९
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जनवरी १६, १९६८  
१६ जनवरी, १९६८ <br />
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प्रिय गर्गमुनी, <br />
   
   
कृपया मेरे आशीर्वाद को स्वीकार करो। कृष्ण चेतना से संबंधित, तुम्हारे नए उद्यम के बारे में जानकारी मिली है और पूरा प्रस्ताव बहुत ही अच्छा है।  मुझे लगता है कि इसके लिए तुरंत एक व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि हम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी कृष्ण चैतन्य के आंदोलन में भाग ले। मैं समझता हूं कि वह नई जगह काफी उपयुक्त है और वहां आने वाले छात्रों के लिए भी बहुत सुविधाजनक है। मुझे इस प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन फिर भी तुम जयानंद और मुकुंद के साथ विचार-विमर्श कर के चीजों को तुरंत सुलझालो। जयानंद और मुकुंद भी वहाँ गए हुए हैं।<br/>  
 
प्रिय गर्गमुनी,   
   
   
मैं गौरसुंदर और गोविंद दासी के व्यक्तिगत उपस्थिति में काफी स्वस्त हूँ। मुझे लगता है कि जैसे ही आपका नया स्टोर पूरा हो जायेगा , वैसे ही मैं एस.एफ. को लौटकर -हमारी नई पाठशाला शुरू कर दूंगा ।  सबसे संतुष्टिदायक बात है कि तुम्हे कोई वित्तीय चिंता नहीं है और तुम कहते हो की प्रबंधन कर लोगे ।  मुझे यकीन है कि उद्धव और उपेंद्र इस उद्यम में तुम्हारा साथ ज़रूर देंगे । तुम एक सच्चे सेवक हो और इसलिए कृष्ण तुम्हे अधिक से अधिक सेवा अवसर प्रदान करते रहेंगे ।  कृपया कर के इस केंद्र की व्यवस्था अच्छी तरह से करें  क्योंकि मुझे लगता है कि यह हमारे उद्देश्य के लिए बहुत अच्छा साबित होगा। <br />
 
 
कृपया मेरे आशीर्वाद को स्वीकार करो। कृष्ण भावनामृत से संबंधित, तुम्हारे नए उद्यम के बारे में जानकारी मिली है और पूरा प्रस्ताव बहुत ही अच्छा है। मुझे लगता है कि इसके लिए तुरंत एक व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि हम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी कृष्ण चैतन्य के आंदोलन में भाग ले। मैं समझता हूं कि वह नई जगह काफी उपयुक्त है और वहां आने वाले छात्रों के लिए भी बहुत सुविधाजनक है। मुझे इस प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन फिर भी तुम जयानंद और मुकुंद के साथ विचार-विमर्श कर के चीजों को तुरंत सुलझालो। जयानंद और मुकुंद भी वहाँ गए हुए हैं। 
 
मैं गौरसुंदर और गोविंद दासी के व्यक्तिगत उपस्थिति में काफी स्वस्थ हूँ। मुझे लगता है कि जैसे ही तुम्हारा नया स्टोर पूरा हो जायेगा, वैसे ही मैं S.F. को लौटकर हमारी नई क्लास शुरू कर दूंगा। सबसे संतुष्टिदायक बात है कि तुम्हे कोई वित्तीय चिंता नहीं है, तुम संभाल लोगे। मुझे यकीन है कि उद्धव और उपेंद्र इस उद्यम में तुम्हारा साथ जरूर देंगे। तुम एक सच्चे सेवक हो और इसलिए कृष्ण तुम्हे अधिक से अधिक सेवा अवसर प्रदान करते रहेंगे। कृपया इस केंद्र की व्यवस्था अच्छी तरह से करो क्योंकि मुझे लगता है कि यह हमारे उद्देश्य के लिए बहुत अच्छा होगा।  
   
   
आशा है कि आप सब अच्छे हो। <br />
 
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आशा है कि तुम अच्छे हो।
आपका नित्य शुभचिंतक, <br />
 
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तुम्हारा नित्य शुभचिंतक,  
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी <br /> 
 
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गर्गमुनि दास अधिकारी <br /> 
 
इस्कॉन <br />  
 
५१८ फ्रेडरिक स्ट्रीट <br />  
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी  
सैंन फ्रांसिस्को, कैल. ९४११७
 
गर्गमुनि दास अधिकारी  
 
इस्कॉन   
 
५१८ फ्रेडरिक स्ट्रीट   
 
सैंन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया ९४११७
 
संलग्नक-१.[हस्तलिखित]

Latest revision as of 06:44, 12 June 2024

गर्गमुनि को पत्र


ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

कैंप: इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर

५३६४, डब्ल्यू. पिको बुलेवार्ड, लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया ९०११९


जनवरी १६, १९६८


प्रिय गर्गमुनी,


कृपया मेरे आशीर्वाद को स्वीकार करो। कृष्ण भावनामृत से संबंधित, तुम्हारे नए उद्यम के बारे में जानकारी मिली है और पूरा प्रस्ताव बहुत ही अच्छा है। मुझे लगता है कि इसके लिए तुरंत एक व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि हम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी कृष्ण चैतन्य के आंदोलन में भाग ले। मैं समझता हूं कि वह नई जगह काफी उपयुक्त है और वहां आने वाले छात्रों के लिए भी बहुत सुविधाजनक है। मुझे इस प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन फिर भी तुम जयानंद और मुकुंद के साथ विचार-विमर्श कर के चीजों को तुरंत सुलझालो। जयानंद और मुकुंद भी वहाँ गए हुए हैं।


मैं गौरसुंदर और गोविंद दासी के व्यक्तिगत उपस्थिति में काफी स्वस्थ हूँ। मुझे लगता है कि जैसे ही तुम्हारा नया स्टोर पूरा हो जायेगा, वैसे ही मैं S.F. को लौटकर हमारी नई क्लास शुरू कर दूंगा। सबसे संतुष्टिदायक बात है कि तुम्हे कोई वित्तीय चिंता नहीं है, तुम संभाल लोगे। मुझे यकीन है कि उद्धव और उपेंद्र इस उद्यम में तुम्हारा साथ जरूर देंगे। तुम एक सच्चे सेवक हो और इसलिए कृष्ण तुम्हे अधिक से अधिक सेवा अवसर प्रदान करते रहेंगे। कृपया इस केंद्र की व्यवस्था अच्छी तरह से करो क्योंकि मुझे लगता है कि यह हमारे उद्देश्य के लिए बहुत अच्छा होगा।


आशा है कि तुम अच्छे हो।

तुम्हारा नित्य शुभचिंतक,


ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

गर्गमुनि दास अधिकारी

इस्कॉन

५१८ फ्रेडरिक स्ट्रीट

सैंन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया ९४११७

संलग्नक-१.[हस्तलिखित]