HI/680709 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680709SB-MONTREAL_ND_01.mp3</mp3player>|यदि कोई व्यक्ति ब्राह्मण है, तो उसकी प्राकृतिक योग्यता इस | {{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680709SB-MONTREAL_ND_01.mp3</mp3player>|यदि कोई व्यक्ति ब्राह्मण है, तो उसकी प्राकृतिक योग्यता इस प्रकार होगी। वह क्या है? सत्यम: वह सत्यवादी है। किसी भी परिस्थिति में वह सत्यवादी होगा। यँहा तक कि शत्रु को भी वह रहस्य का खुलासा करेगा, "यह तथ्य है।" वह सच्चाई है, यह नहीं कि मैं बहुत सच्चा हूँ, परंतु जब मेरा हित ख़तरे में पड़ जाता है, तो मैं झूठ बोलता हूँ। यह सच्चाई नहीं है। सच्चाई का अर्थ है कि किसी भी परिस्थिति में वह सत्य ही बोलेगा। यह सत्यवाद है।|Vanisource:680709 - Lecture SB 07.09.10 - Montreal|680709 - प्रवचन श्री.भा. ७.९.१० - मॉन्ट्रियल}} |
Latest revision as of 03:21, 8 June 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
यदि कोई व्यक्ति ब्राह्मण है, तो उसकी प्राकृतिक योग्यता इस प्रकार होगी। वह क्या है? सत्यम: वह सत्यवादी है। किसी भी परिस्थिति में वह सत्यवादी होगा। यँहा तक कि शत्रु को भी वह रहस्य का खुलासा करेगा, "यह तथ्य है।" वह सच्चाई है, यह नहीं कि मैं बहुत सच्चा हूँ, परंतु जब मेरा हित ख़तरे में पड़ जाता है, तो मैं झूठ बोलता हूँ। यह सच्चाई नहीं है। सच्चाई का अर्थ है कि किसी भी परिस्थिति में वह सत्य ही बोलेगा। यह सत्यवाद है। |
680709 - प्रवचन श्री.भा. ७.९.१० - मॉन्ट्रियल |