HI/680202 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/701104R1-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप बस मेरे प्रति आत्मा समर्पण करो। अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण कर दो।" ([[HI/BG 18.66|BG 18.66]]) तो कितने ने ऐसा किया है? तो यह एक भद्दा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करता है, तो दुनिया का क्या होगा?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। आत्मसमर्पण करना बहुत मुश्किल है जो वह नहीं जानता। (Hindi) यह उम्मीद नहीं है कि हर कोई साधु बन जाएगा। साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु का शुद्ध स्वभाव। "|Vanisource:680202 - Lecture CC Madhya 06.254 - Los Angeles|680202 - प्रवचन CC Madhya 06.254 - लॉस एंजेलेस}}
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/701104R1-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप बस मेरे प्रति आत्म समर्पण करो। अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण कर दो।" (भगवद्गीता 18.66) तो कितने लोगों ने ऐसा किया है? तो यह एक अटपटा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करता है, तो दुनिया का क्या होगा?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। आत्मसमर्पण करना बहुत कठिन है जो हम नहीं जानते। यह उम्मीद नहीं है कि हर कोई साधु बन जाएगा। साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु जैसा शुद्ध स्वभाव प्राप्त करना।|Vanisource:680202 - Lecture CC Madhya 06.254 - Los Angeles|680202 - प्रवचन CC Madhya 06.254 - लॉस एंजेलेस}}

Latest revision as of 04:35, 15 May 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप बस मेरे प्रति आत्म समर्पण करो। अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण कर दो।" (भगवद्गीता 18.66) तो कितने लोगों ने ऐसा किया है? तो यह एक अटपटा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करता है, तो दुनिया का क्या होगा?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। आत्मसमर्पण करना बहुत कठिन है जो हम नहीं जानते। यह उम्मीद नहीं है कि हर कोई साधु बन जाएगा। साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु जैसा शुद्ध स्वभाव प्राप्त करना।
680202 - प्रवचन CC Madhya 06.254 - लॉस एंजेलेस