HI/680108b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680108CC-LOS_ANGELES_ND_02.mp3</mp3player>|आपको थोड़ी स्वतंत्रता मिली है । क्योंकि आप परम भगवान् का हिस्सा हैं, परम भगवान् पूर्ण स्वतंत्र है । इसलिए स्वतंत्रता की गुणवत्ता आप में भी है । जैसे सोना: सोने का कण भी सोना है । इसी तरह, क्योंकि आप कृष्ण के कण हैं, इसलिए आपको सभी गुण बहुत छोटी मात्रा में मिले हैं, आपको कृष्ण के सभी गुण मिल गए हैं । जैसा कि कृष्ण है..., भगवान् पूरी तरह से स्वतंत्र हैं, इसलिए आप स्वतंत्र होना चाहते हैं । आपका समावेश हमेशा के लिए स्वतंत्र होना है । लेकिन आपको प्रतिबंधित किया गया है । आपको प्रतिबंधित किया गया है । जब आप अपना आध्यात्मिक जीवन प्राप्त करते हैं, तो आप भी कृष्ण के समान स्वतंत्र हो जाते हैं ।|Vanisource:680108 - Lecture CC Madhya 06.254 - Los Angeles|680108 - प्रवचन चै.च. मध्य ६.२५४ - लॉस एंजेलेस}}
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Latest revision as of 05:03, 12 May 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
आपको थोड़ी स्वतंत्रता मिली है। क्योंकि आप परम भगवान् का हिस्सा हैं, परम भगवान् पूर्ण स्वतंत्र है। इसलिए स्वतंत्रता की गुणवत्ता आप में भी है। जैसे सोना: सोने का कण भी सोना है। इसी तरह, क्योंकि आप कृष्ण के कण हैं, इसलिए आपको सभी गुण बहुत छोटी मात्रा में मिले हैं, आपको कृष्ण के सभी गुण मिल गए हैं। जैसा कि कृष्ण है... भगवान् पूरी तरह से स्वतंत्र हैं, इसलिए आप स्वतंत्र होना चाहते हैं। आपका समावेश हमेशा के लिए स्वतंत्र होना है। लेकिन आपको प्रतिबंधित किया गया है। आपको प्रतिबंधित किया गया है। जब आप अपना आध्यात्मिक जीवन प्राप्त करते हैं, तो आप भी कृष्ण के समान स्वतंत्र हो जाते हैं।
680108 - प्रवचन चै.च. मध्य ६.२५४ - लॉस एंजेलेस