HI/670315 - जनार्दन को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को: Difference between revisions
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अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ <br/> | |||
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ <br/> | २६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ <br/> | ||
टेलीफोन: ५६४-६६७० <br/> | टेलीफोन: ५६४-६६७० <br/> | ||
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आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत <br/> | आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत <br/> | ||
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मेरी प्रिय जनार्दन, <br/> | |||
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपकी अच्छी पत्नी अब कृष्ण भावनामृत में रुचि ले रही है। कृपया उसे मेरा आशीर्वाद प्रदान करें। मुझे लगता है कि एक अच्छे और ईमानदार पति का प्रभाव उनपर काम कर रहा है। पारिवारिक जीवन में खुश रहो, और कृष्ण भावनामृत से तुम दोनों धन्य हो जाओ। मेरी किताबों की क्या स्थति है? <br/> | |||
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अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ५६४-६६७०
आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
१५ मार्च,१९६७
मेरी प्रिय जनार्दन,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपकी अच्छी पत्नी अब कृष्ण भावनामृत में रुचि ले रही है। कृपया उसे मेरा आशीर्वाद प्रदान करें। मुझे लगता है कि एक अच्छे और ईमानदार पति का प्रभाव उनपर काम कर रहा है। पारिवारिक जीवन में खुश रहो, और कृष्ण भावनामृत से तुम दोनों धन्य हो जाओ। मेरी किताबों की क्या स्थति है?
तुम्हारा नित्य शुभचिंतक
संलग्नक: २
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