HI/671102 - ब्रह्मानन्द को लिखित पत्र, नवद्वीप: Difference between revisions
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 18: | Line 18: | ||
मेरे प्रिय ब्रह्मानन्द, कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। अब मैं समझता हूं कि मैं अपने आगंतुक वीजा के साथ लौट सकता हूं जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में होने के बाद बदला जा सकता है। अगर मैकमिलन चुप है तो तुरंत मुझे वह पत्राचार भेजें जो द्वारकाधीश ने जापानी प्रिंटरों के साथ किया था। सबसे अधिक संभावना है कि मैं टोक्यो में रुकूंगा और उन्हें मुद्रण सौंप दूंगा। आशा है कि आप ठीक हैं.<br / > | मेरे प्रिय ब्रह्मानन्द, कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। अब मैं समझता हूं कि मैं अपने आगंतुक वीजा के साथ लौट सकता हूं जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में होने के बाद बदला जा सकता है। अगर मैकमिलन चुप है तो तुरंत मुझे वह पत्राचार भेजें जो द्वारकाधीश ने जापानी प्रिंटरों के साथ किया था। सबसे अधिक संभावना है कि मैं टोक्यो में रुकूंगा और उन्हें मुद्रण सौंप दूंगा। आशा है कि आप ठीक हैं.<br / > | ||
[[File:SP Initial.png|130px] | [[File:SP Initial.png|130px]] |
Latest revision as of 19:20, 14 January 2024
नवद्वीप नवंबर २, १९६७
मेरे प्रिय ब्रह्मानन्द, कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। अब मैं समझता हूं कि मैं अपने आगंतुक वीजा के साथ लौट सकता हूं जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में होने के बाद बदला जा सकता है। अगर मैकमिलन चुप है तो तुरंत मुझे वह पत्राचार भेजें जो द्वारकाधीश ने जापानी प्रिंटरों के साथ किया था। सबसे अधिक संभावना है कि मैं टोक्यो में रुकूंगा और उन्हें मुद्रण सौंप दूंगा। आशा है कि आप ठीक हैं.
Categories:
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1967-11 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - भारत से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - भारत, मायापुर से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - भारत
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - भारत, मायापुर
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - ब्रह्मानन्द को
- HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित
- HI/श्रील प्रभुपाद के सभी पत्र हिंदी में अनुवादित
- HI/सभी हिंदी पृष्ठ