HI/690409 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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यही उनका | <!-- END NAVIGATION BAR --> | ||
वह हरे कृष्ण क्यों जप रहा है? (हंसी) 'तुम मेरे लड़के को क्यों | {{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/690409SB-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|तो यह लड़का, हालांकि नास्तिको के परिवार में पैदा हुआ है - उसका पिता बहोत बड़ा नास्तिक था - लेकिन क्योंकि उसे एक महान भक्त, नारद, द्वारा आशीर्वाद दिया गया था, वह एक महान भक्त बन गया । अब उन्होंने कृष्ण भावनामृत फैलाने का अवसर ले लिया, कहा ? अपनी पाठशाला में । अपनी पाठशाला में । वह पांच साल का लड़का था, और जैसे ही उसे अवसर मिलता, वह अपनी कक्षाओं में कृष्ण भावनामृत को फैलाता । यही उनका कार्य था । और कई बार प्रहलाद महाराज के पिता ने शिक्षकों को बुलाया, 'तो, आप मेरे बच्चे को क्या शिक्षा दे रहे हैं ? वह हरे कृष्ण क्यों जप रहा है ?' (हंसी) 'तुम मेरे लड़के को क्यों बिगाड़ रहे हो ?' (हंसी) आप देख रहे हैं ? तो, ऐसा मत सोचो कि मैं इन लड़कों और लड़कियों को हरे कृष्ण का पाठ पढ़ाकर बिगाड़ रहा हूं । (हँसी) ।|Vanisource:690409 - Lecture SB 07.06.01 - New York|690409 - प्रवचन श्री.भा. ७.६.१ - न्यूयार्क}} |
Latest revision as of 23:21, 8 May 2020
Nectar Drops from Srila Prabhupada |
तो यह लड़का, हालांकि नास्तिको के परिवार में पैदा हुआ है - उसका पिता बहोत बड़ा नास्तिक था - लेकिन क्योंकि उसे एक महान भक्त, नारद, द्वारा आशीर्वाद दिया गया था, वह एक महान भक्त बन गया । अब उन्होंने कृष्ण भावनामृत फैलाने का अवसर ले लिया, कहा ? अपनी पाठशाला में । अपनी पाठशाला में । वह पांच साल का लड़का था, और जैसे ही उसे अवसर मिलता, वह अपनी कक्षाओं में कृष्ण भावनामृत को फैलाता । यही उनका कार्य था । और कई बार प्रहलाद महाराज के पिता ने शिक्षकों को बुलाया, 'तो, आप मेरे बच्चे को क्या शिक्षा दे रहे हैं ? वह हरे कृष्ण क्यों जप रहा है ?' (हंसी) 'तुम मेरे लड़के को क्यों बिगाड़ रहे हो ?' (हंसी) आप देख रहे हैं ? तो, ऐसा मत सोचो कि मैं इन लड़कों और लड़कियों को हरे कृष्ण का पाठ पढ़ाकर बिगाड़ रहा हूं । (हँसी) । |
690409 - प्रवचन श्री.भा. ७.६.१ - न्यूयार्क |