HI/720604 बातचीत - श्रील प्रभुपाद मेक्सिको में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
Daivasimha (talk | contribs) (Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९७२ Category:HI/अम...") |
(Vanibot #0025: NectarDropsConnector - update old navigation bars (prev/next) to reflect new neighboring items) |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७२]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९७२]] | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - मेक्सिको]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - मेक्सिको]] | ||
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | |||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/720529 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|720529|HI/720604b बातचीत - श्रील प्रभुपाद मेक्सिको में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|720604b}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/720604R1-MEXICO_CITY_ND_01.mp3</mp3player>|"जानवरों से, मानव रूप आता है - या तो बंदर से या शेर से या गायों से। इन तीनों में से ... सत्व-गुण, रजो-गुण, तमो-गुण। जो रजो-गुण से आ रहे हैं, उनका मानव जन्म से पिछला जन्म शेर का है। और जो लोग तमो-गुण में आ रहे हैं, डार्विन के ससुर, (हंसते हुए) बंदर, और अज्ञानता। और जो लोग सत्व-गुण में आ रहे हैं, उनका पिछला जन्म गाय का है। यह वेदों से प्राप्त हमारी वैज्ञानिक जानकारी है। ”|Vanisource:720604 - Conversation A - Mexico|७२०६०४ - वार्तालाप - मेक्सिको}} | {{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/720604R1-MEXICO_CITY_ND_01.mp3</mp3player>|"जानवरों से, मानव रूप आता है - या तो बंदर से या शेर से या गायों से। इन तीनों में से ... सत्व-गुण, रजो-गुण, तमो-गुण। जो रजो-गुण से आ रहे हैं, उनका मानव जन्म से पिछला जन्म शेर का है। और जो लोग तमो-गुण में आ रहे हैं, डार्विन के ससुर, (हंसते हुए) बंदर, और अज्ञानता। और जो लोग सत्व-गुण में आ रहे हैं, उनका पिछला जन्म गाय का है। यह वेदों से प्राप्त हमारी वैज्ञानिक जानकारी है। ”|Vanisource:720604 - Conversation A - Mexico|७२०६०४ - वार्तालाप - मेक्सिको}} |
Latest revision as of 23:12, 8 August 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"जानवरों से, मानव रूप आता है - या तो बंदर से या शेर से या गायों से। इन तीनों में से ... सत्व-गुण, रजो-गुण, तमो-गुण। जो रजो-गुण से आ रहे हैं, उनका मानव जन्म से पिछला जन्म शेर का है। और जो लोग तमो-गुण में आ रहे हैं, डार्विन के ससुर, (हंसते हुए) बंदर, और अज्ञानता। और जो लोग सत्व-गुण में आ रहे हैं, उनका पिछला जन्म गाय का है। यह वेदों से प्राप्त हमारी वैज्ञानिक जानकारी है। ” |
७२०६०४ - वार्तालाप - मेक्सिको |