HI/680202 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
(Created page with "Category:HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी Category:HI/अमृत वाणी - १९६८ Category:HI/अम...") |
(Vanibot #0019: LinkReviser - Revise links, localize and redirect them to the de facto address) |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९६८]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - १९६८]] | ||
[[Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस]] | [[Category:HI/अमृत वाणी - लॉस एंजेलेस]] | ||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/ | <!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE --> | ||
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/680112 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680112|HI/680306 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|680306}} | |||
<!-- END NAVIGATION BAR --> | |||
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/701104R1-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप बस मेरे प्रति आत्मा समर्पण करो। अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण कर दो।" ([[HI/BG 18.66|BG 18.66]]) तो कितने ने ऐसा किया है? तो यह एक भद्दा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करता है, तो दुनिया का क्या होगा?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। आत्मसमर्पण करना बहुत मुश्किल है जो वह नहीं जानता। (Hindi) यह उम्मीद नहीं है कि हर कोई साधु बन जाएगा। साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु का शुद्ध स्वभाव। "|Vanisource:680202 - Lecture CC Madhya 06.254 - Los Angeles|680202 - प्रवचन CC Madhya 06.254 - लॉस एंजेलेस}} |
Revision as of 17:31, 17 September 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
भगवान कृष्ण व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि "आप बस मेरे प्रति आत्मा समर्पण करो। अब तक कितने लोगों ने आत्मसमर्पण किया है? भगवान कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि "आप सब कुछ त्याग कर मेरे प्रति आत्मसमर्पण कर दो।" (BG 18.66) तो कितने ने ऐसा किया है? तो यह एक भद्दा सवाल है, "अगर हर कोई आत्मसमर्पण करता है, तो दुनिया का क्या होगा?" लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। आत्मसमर्पण करना बहुत मुश्किल है जो वह नहीं जानता। (Hindi) यह उम्मीद नहीं है कि हर कोई साधु बन जाएगा। साधु बनना इतना आसान काम नहीं है, खासकर साधु का शुद्ध स्वभाव। " |
680202 - प्रवचन CC Madhya 06.254 - लॉस एंजेलेस |