HI/630709 - डॉ. एस. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति को लिखित पत्र, वृंदावन: Difference between revisions
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कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। ऐसा समझा जाता है कि यूरोप और अमेरिका में धर्म और दार्शनिक ज्ञान के नियोग पर से आप लौट चुके हैं । <br/> | कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। ऐसा समझा जाता है कि यूरोप और अमेरिका में धर्म और दार्शनिक ज्ञान के नियोग पर से आप लौट चुके हैं । <br/> | ||
वर्तमान में मैं वृंदावन में हूं। पिछली बार (९ फरवरी १९६३), जब मैंने | वर्तमान में मैं वृंदावन में हूं। पिछली बार (९ फरवरी १९६३), जब मैंने श्रीमद्-भागवतम् को प्रस्तुत करने के लिए आप से मुलाकात की थी, तब आपने इसका मुकम्मल अध्ययन करने का वायदा किया था। <br/> | ||
चूंकि | चूंकि श्रीमद्-भागवतम् दार्शनिक सत्य और धर्म का संयोजन है, यह आज के समाज की एक बड़ी जरूरत है। यह एक तथ्य है कि वर्तमान समय में केवल दर्शन और धर्म मानवता के इतिहास मे परिवर्तन ला सकते हैं। मुझे लगता है कि आपसे इस संदर्भ में अवश्य ही एक महान सहायता मिलेगी। | ||
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यू.पी. के गवर्नर, कांग्रेस अध्यक्ष अन्य सभी ने | यू.पी. के गवर्नर, कांग्रेस के अध्यक्ष एवं अन्य सभी ने इस पुस्तक पर अपनी मूल्यवान टिप्पणियाँ भेजी हैं। मैं प्रकाशन से पहले आपकी राय की भी उम्मीद कर रहा हूं। इससे मुझे बहुत मदद मिलेगी। <br/> | ||
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Latest revision as of 08:53, 26 March 2021
0९ जुलाई, १९६३
महामहिम
डॉ. एस. राधाकृष्णन,
भारत के राष्ट्रपति
राष्ट्रपति भवन
नई दिल्ली।
आदरणीय डॉ. राधाकृष्णन जी,
कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। ऐसा समझा जाता है कि यूरोप और अमेरिका में धर्म और दार्शनिक ज्ञान के नियोग पर से आप लौट चुके हैं ।
वर्तमान में मैं वृंदावन में हूं। पिछली बार (९ फरवरी १९६३), जब मैंने श्रीमद्-भागवतम् को प्रस्तुत करने के लिए आप से मुलाकात की थी, तब आपने इसका मुकम्मल अध्ययन करने का वायदा किया था।
चूंकि श्रीमद्-भागवतम् दार्शनिक सत्य और धर्म का संयोजन है, यह आज के समाज की एक बड़ी जरूरत है। यह एक तथ्य है कि वर्तमान समय में केवल दर्शन और धर्म मानवता के इतिहास मे परिवर्तन ला सकते हैं। मुझे लगता है कि आपसे इस संदर्भ में अवश्य ही एक महान सहायता मिलेगी।
।
यू.पी. के गवर्नर, कांग्रेस के अध्यक्ष एवं अन्य सभी ने इस पुस्तक पर अपनी मूल्यवान टिप्पणियाँ भेजी हैं। मैं प्रकाशन से पहले आपकी राय की भी उम्मीद कर रहा हूं। इससे मुझे बहुत मदद मिलेगी।
आशा है कि आप अच्छे हैं। पूर्वानुमान में आपका धन्यवाद।
सादर
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
___ यू.पी. के राज्यपाल को। निम्नानुसार लिखते हैं:
१८ मार्च को आपके पत्र के संदर्भ में __ मैं यह कहना चाहता हूं कि राज्यपाल ने आपकी पुस्तक श्रीमद भागवथाम् _ _ को अलग-अलग कवर के तहत ब्याज के साथ __ दिया है और इसे शिक्षाप्रद और विद्वतापूर्ण पाया है। पुस्तक पर उनकी टिप्पणियाँ संलग्न हैं।
आपका विश्वासी
एसडी/ जी.बी. परित आदि
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