HI/610331 - ब्रजरतनजी को लिखित पत्र, दिल्ली: Difference between revisions

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<u>उनके लिए जो इससे सम्बंधित हो सकते हैं। </u>
<u>उनके लिए जो इससे सम्बंधित हैं। </u>


यह प्रमाणित किया जाता है कि श्री ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी १/८५९, केसी घाट पी.ओ. वृंदाबन (मथुरा) उ.प्र. भारत, “कॉन्ग्रेस फॉर कल्टिवेटिंग ह्यूमन स्पिरिट" के लिए एक आगंतुक सहयोगी हैं, जो १० मई से २४ मई १९६१ तक जापान के महत्वपूर्ण स्थानों पर इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन फॉर कल्चरल हार्मनी के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। <br/>
यह प्रमाणित किया जाता है कि श्री ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी १/८५९, केसी घाट पी.ओ. वृंदाबन (मथुरा) उ.प्र. भारत, “कॉन्ग्रेस फॉर कल्टिवेटिंग ह्यूमन स्पिरिट" के लिए एक आगंतुक सहयोगी हैं, जो १० मई से २४ मई १९६१ तक जापान के महत्वपूर्ण स्थानों पर इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन फॉर कल्चरल हार्मनी के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। <br/>
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Latest revision as of 08:53, 26 March 2021

ब्रजरतनजी को पत्र (पृष्ठ १ से २)
ब्रजरतनजी को पत्र (पृष्ठ २ से २)


मार्च ३१, १९६१

बॉम्बे
मेरे प्रिय ब्रजरतनजी,

कृपया मेरा अभिवादन स्वीकार करें। मुझे आशा है कि आप प्रभु की कृपा से सभी मामलों में काफी अच्छे हैं।

मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मनुष्य की आत्मा के विकास के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस मई १९६१ के महीने में जापान में आयोजित होने जा रही है और आपको यह जानकर खुशी होगी कि जापानी आयोजकों ने मुझे कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। वे पहले से ही मानव संस्कृति पर मेरे विचारों की प्रतिलिपि अग्रिम रूप से मुझसे ले चुके हैं और उनका दूसरा पत्र इस बात की पुष्टि करता है कि वे वहां मेरा स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। संलग्न प्रमाण पत्र की प्रति से, आप पाएंगे कि उन्होंने मेरे ठहरने के दिनों में मेरे भोजनालय और आवास की व्यवस्था की है।

अब मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप मेरे जापान जाने की व्यवस्था करें और उपकृत करें। पिछली बार आप भारत से दक्षिण अमेरिका के लिए मेरी यात्रा का खर्च उठाने के लिए तैयार थे। और जैसा कि मुझे अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला, मुझे यात्रा स्थगित करनी पड़ी। इस बार ऐसा कोई सवाल नहीं है और जापान के लिए खर्च दक्षिण अमेरिका से बहुत कम है। इसलिए तुरंत जरूरतमंदों को करें और मुझे दुनिया के प्रबुद्ध लोगों को वैदिक साहित्य से मानव संस्कृति का संदेश देने का मौका दें। मुझे यकीन है कि इस तरह के विचार दुनिया की गतिविधियों के दृष्टिकोण को बदल देंगे।

आपके शीघ्र उत्तर की उपरोक्त शिविर पते पर प्रतीक्षा है और आपको प्रत्याशा में धन्यवाद।

आपका आभारी,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी

वास्तविक प्रति।

सर्टिफिकेट।

सांस्कृतिक सद्भाव के लिए इंटरनेशनल फाउंडेशन से।
पी.ओ. बॉक्स नंबर ४३, नुमाज़ी सिटी, जापान।

उनके लिए जो इससे सम्बंधित हैं।

यह प्रमाणित किया जाता है कि श्री ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी १/८५९, केसी घाट पी.ओ. वृंदाबन (मथुरा) उ.प्र. भारत, “कॉन्ग्रेस फॉर कल्टिवेटिंग ह्यूमन स्पिरिट" के लिए एक आगंतुक सहयोगी हैं, जो १० मई से २४ मई १९६१ तक जापान के महत्वपूर्ण स्थानों पर इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन फॉर कल्चरल हार्मनी के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा।

यह तो साफ़-जाहिर है की इनके निवास और बोर्डिंग की वयवस्था हमरे द्वारा ही की जाएगी और इसका भुक्तान खर्च भी हम ही करेंगे।

यदि १० मई १९६१ से पहले जापान आने के लिए इन्हे आवश्यक पासपोर्ट और जापान जाने के लिए वीजा दिया जाता है तो यह एक बड़ा उपकार होगा।

एसडी/- तोशिहिरो नाकानो
महा सचिव
इंटरनेशनल फाउंडेशन
सांस्कृतिक सद्भाव के लिए।

श्री ब्रजरतन एस. मोहत्ता
पीपल्स बिल्डिंग
सर पी. मेहता रोड
फोर्ट बॉम्बे -१
को प्रति प्रेषित की गई

ध्यान दीजिये यदि आप जापान में निष्पादित होने वाली किसी भी मामले में मेरी सहायता लेना चाहते हैं, तो मैं आपकी ओर से किसी भी दायित्व के बिना करना मेरा कर्तव्य समझूंगा,

आपका आदि