HI/670614 - गर्गमुनि को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क: Difference between revisions

(Created page with "Category: HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र Category: HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,...")
 
No edit summary
 
Line 11: Line 11:
[[Category:HI/सभी हिंदी पृष्ठ]]  
[[Category:HI/सभी हिंदी पृष्ठ]]  
<div style="float:left">[[File:Go-previous.png| link=Category: श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार ]]'''[[:Category: HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार | HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार]], [[:Category: HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र |1967]]'''</div>
<div style="float:left">[[File:Go-previous.png| link=Category: श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार ]]'''[[:Category: HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार | HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - दिनांक के अनुसार]], [[:Category: HI/1967 - श्रील प्रभुपाद के पत्र |1967]]'''</div>
{{LetterScan|670614_-_Letter_to_Gargmuni.jpg| गर्गमुनि को पत्र}}
{{LetterScan|670614_-_Letter_to_Gargamuni.jpg| गर्गमुनि को पत्र}}




'''अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ'''<br/>
'''अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ'''<br/>
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ <br/>
२६ दूसरा एवेन्यू, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३ <br/>
टेलीफोन: ६७४-७४२८ <br/>
टेलीफोन: ६७४-७४२८ <br/>


'''आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत <br/>'''
'''आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत <br/>'''
'''समिति:'''<br/>
'''समिति:'''<br/>
लैरी बोगार्ट <br/>
लैरी बोगार्ट <br/>
जेम्स एस. ग्रीन <br/>
जेम्स एस. ग्रीन <br/>
कार्ल एयरगन्स <br/>
कार्ल इयरगन्स <br/>
राफेल बालसम <br/>
राफेल बालसम <br/>
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़ <br/>
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़ <br/>
रेमंड मराइस <br/>
रेमंड मराइस <br/>
स्टैनले मॉस्कोविट्ज़ <br/>
माइकल ग्रांट <br/>
माइकल ग्रांट <br/>
हार्वे कोहेन <br />
हार्वे कोहेन <br />
Line 31: Line 32:
जून १४, १९६७ <br/>
जून १४, १९६७ <br/>
<br />
<br />
मेरे प्रिय मुकुंद, <br/>
मेरे प्रिय गर्गमुनि, <br/>


कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं १२ जून १९६७ के आपके पत्र की प्राप्ति के उचित रशीद में हूं और मुझे खुशी है कि आपके लेखाकार मित्र द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। मैं आपके प्रयास की काफी सराहना करता हूं, और मुझे लगता है कि खाते को रखने में आपके मित्र द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया आपके समय की बहुत बचत करेगी। मुझे खुशी है कि आप हर दिन परीक्षण संतुलन लगाना कर रहे हैं । यह बहुत अच्छा है। मुझे इस तरह के परीक्षण संतुलन में से एक को देखकर खुशी होगी--आप कैसे कर रहे हैं। अभी तक मेरी सेहत का सवाल है, मैं रोज सुधार कर रहा हूं, लेकिन अपनी कमजोरी के कारण कई बार मुझे चक्कर आने लगते हैं। आपकी प्रार्थना और अन्य सभी लड़कों की प्रार्थना ने मुझे बचाया है और मैं कुछ और वर्षों के लिए आप सभी को कुछ सेवा प्रदान करने की उम्मीद करता हूं। कृपया कृष्ण से प्रार्थना करें और वह हमें हर लिहाज से शक्ति और ऊर्जा देंगे। एक बार और धन्यवाद। आशा है कि आप कुशल हैं। <br />  
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं जून १२, १९६७ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूं और मुझे खुशी है कि आपको एक लेखापाल मित्र द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। मैं आपके प्रयास की काफी सराहना करता हूं, और मुझे लगता है कि खाते को रखने में आपके मित्र द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया आपका बहुत समय बचाएगी। मुझे खुशी है कि आप हर दिन संतुलन परीक्षण का पता लगा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है। मुझे इस तरह के परीक्षण संतुलन में से एक को देखकर खुशी होगी--आप इसे कैसे कर रहे हैं।
 
जहां तक मेरी सेहत का सवाल है, मैं रोज सुधार कर रहा हूं, लेकिन अपनी कमजोरी के कारण कई बार मुझे चक्कर आने लगते हैं। आपकी प्रार्थना और अन्य सभी लड़कों की प्रार्थना ने मुझे बचाया है और मैं कुछ और वर्षों तक आप सभी को सेवा प्रदान करने की उम्मीद करता हूं। कृपया कृष्ण से प्रार्थना करें और वह हमें हर लिहाज से शक्ति और बल देंगे। एक बार और धन्यवाद। आशा है कि आप कुशल हैं। <br />  
<br />  
<br />  
आपका नित्य शुभचिंतक, <br />  
आपका नित्य शुभचिंतक, <br />  
[[File:SP Signature.png|300px]]<br />  
[[File:SP Signature.png|300px]]<br />  
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी <br />
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी <br />

Latest revision as of 08:08, 26 April 2021

गर्गमुनि को पत्र


अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ दूसरा एवेन्यू, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८

आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल इयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
स्टैनले मॉस्कोविट्ज़
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन

जून १४, १९६७

मेरे प्रिय गर्गमुनि,

कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं जून १२, १९६७ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूं और मुझे खुशी है कि आपको एक लेखापाल मित्र द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। मैं आपके प्रयास की काफी सराहना करता हूं, और मुझे लगता है कि खाते को रखने में आपके मित्र द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया आपका बहुत समय बचाएगी। मुझे खुशी है कि आप हर दिन संतुलन परीक्षण का पता लगा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है। मुझे इस तरह के परीक्षण संतुलन में से एक को देखकर खुशी होगी--आप इसे कैसे कर रहे हैं।

जहां तक मेरी सेहत का सवाल है, मैं रोज सुधार कर रहा हूं, लेकिन अपनी कमजोरी के कारण कई बार मुझे चक्कर आने लगते हैं। आपकी प्रार्थना और अन्य सभी लड़कों की प्रार्थना ने मुझे बचाया है और मैं कुछ और वर्षों तक आप सभी को सेवा प्रदान करने की उम्मीद करता हूं। कृपया कृष्ण से प्रार्थना करें और वह हमें हर लिहाज से शक्ति और बल देंगे। एक बार और धन्यवाद। आशा है कि आप कुशल हैं।

आपका नित्य शुभचिंतक,

ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी