HI/670316 - सत्स्वरूप को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को: Difference between revisions

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१६ मार्च,१९६७ ''(हस्तलिखित)'' <br/>
१६ मार्च,१९६७ (हस्तलिखित) <br/>
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मेरे प्रिय रायराम, <br/>
मेरे प्रिय सत्स्वरूपा, <br/>
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैंने नारद भक्ति सूत्र और भगवान चैतन्य की शिक्षाओं की वर्गीकरण की हुई प्रतियाँ देखी हैं। दोनों ही अच्छी तरह से बने हुए हैं। मुझे लगता है कि हमें पहले भगवान चैतन्य की शिक्षाओं को पूरा करें और फिर हम नारद भक्ति सूत्र को फिर से लेंगे। नारद भक्ति सूत्र के साथ चर्चा की विषय वस्तु भगवान चैतन्य के शिक्षण में पहले से ही है। मैंने आपको शिक्षण के दूसरे भाग के लिए हस्तलिपि भेजी है और कृपया मुझे अपने वर्गीकरण किए गए हस्तलिपि की एक प्रति भेजें। मुझे आपकी बात सुनकर खुशी होगी। <br/>
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैंने नारद भक्ति सूत्र और भगवान चैतन्य की शिक्षाओं की वर्गीकरण की हुई प्रतियाँ देखी हैं। दोनों ही अच्छी तरह से बने हैं। मुझे लगता है कि हमें पहले भगवान चैतन्य की शिक्षाओं को पूरा करना चाहिए, और फिर हम नारद भक्ति सूत्र को लेंगे। नारद भक्ति सूत्र के साथ चर्चा का विषय वस्तु भगवान चैतन्य के शिक्षण में पहले से ही है। मैंने आपको शिक्षण के दूसरे भाग के लिए हस्तलिपि भेजी है, और कृपया मुझे अपने वर्गीकरण किए गए हस्तलिपि की एक प्रति भेजें। मुझे आपसे जानकारी मिलकर खुशी होगी। <br/>

Latest revision as of 02:56, 12 June 2021

सत्स्वरूप को पत्र (पृष्ठ १ से ?)
सत्स्वरूप को पत्र (पृष्ठ २ से ?)


१६ मार्च,१९६७ (हस्तलिखित)

मेरे प्रिय सत्स्वरूपा,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैंने नारद भक्ति सूत्र और भगवान चैतन्य की शिक्षाओं की वर्गीकरण की हुई प्रतियाँ देखी हैं। दोनों ही अच्छी तरह से बने हैं। मुझे लगता है कि हमें पहले भगवान चैतन्य की शिक्षाओं को पूरा करना चाहिए, और फिर हम नारद भक्ति सूत्र को लेंगे। नारद भक्ति सूत्र के साथ चर्चा का विषय वस्तु भगवान चैतन्य के शिक्षण में पहले से ही है। मैंने आपको शिक्षण के दूसरे भाग के लिए हस्तलिपि भेजी है, और कृपया मुझे अपने वर्गीकरण किए गए हस्तलिपि की एक प्रति भेजें। मुझे आपसे जानकारी मिलकर खुशी होगी।